Madhya Pradesh: ड्रग की तस्करी में शामिल 5 पुलिसवाले नौकरी से बर्खास्त
Publish Date – Sun, 12 December 21
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के नीमच जिले में पदस्थ पांच पुलिसकर्मियों को एक व्यापारी के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम (मादक पदार्थ से संबंधित कानून) के तहत झूठा मामला दर्ज करने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को कहा कि पिछले साल नवंबर में मामला दर्ज होने के बाद विभागीय जांच में इन पुलिसकर्मियों को संदेहास्पद ढंग से काम करने का दोषी पाया गया. ये लोग ड्रग्स की तस्करी में शामिल थे और कई अपराधियों को छुड़ाने के मामले में भी संदिग्ध हैं.
रतलाम रेंज के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) सुशांत सक्सेना ने कहा, ”एनडीपीएस अधिनियम से संबंधित विभागीय जांच के बाद शुक्रवार को एक उप निरीक्षक और चार आरक्षकों सहित पांच पुलिसकर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई.” उन्होंने बताया कि नीमच जिले के जावद थाने में पदस्थ ये पुलिसकर्मी अपने वरिष्ठ अधिकारी को बताए बिना बघाना थाना क्षेत्र में गए और व्यवसायी अक्षय गोयल के खिलाफ संदेहास्पद कार्रवाई की. गोयल को उठाकर थाने लाने के बजाय इन कर्मियों ने उसे एक किराए के मकान में बंद कर दिया. आरोप है कि दोषी पुलिसवाले इस शख्स ने पैसे ऐंठने की फ़िराक में थे और परिवार को झूठे केस में फंसाने की धमकी भी दे रहे थे.
फर्जी मुकदमे में फंसाने की कोशिश
आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि बाद में जब पीड़ित परिवार ने नीमच कैंट पुलिस थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई तो इन पुलिसकर्मियों ने संबंधित अधिकारियों को गुमराह किया. इसके अनुसार इसके बाद, इन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया और एक विभागीय जांच का गठन किया गया. इसके अनुसार जांच में इन पुलिसकर्मियों को मध्य प्रदेश पुलिस विनियमन अधिनियम का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है.
आदेश के अनुसार सेवा से बर्खास्त किए गए पुलिसकर्मियों में उप निरीक्षक कमलेश गौड़, आरक्षक सतीश कुशवाहा, चंदन सिंह, कमल सिंह और आनंदपाल सिंह शामिल हैं. मंदसौर से भाजपा विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने कहा कि पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरुरत थी. उन्होंने कहा, ”नीमच के एक व्यवसायी को अफीम के झूठे मामले में फंसाने की साजिश रचने वाले पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने के निर्णय के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को दिल से धन्यवाद.”