MP: डिजीटल अरेस्ट हो रही राजधानी भोपाल, चौंकाने वाली हैं कहानियां

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भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से चौंकाने वाली खबर है. यहां डिजीटल अरेस्ट यानी फर्जी फोन कॉल पर धोखाधड़ी, ब्लैकमेल और रुपये ऐंठने के मामले बढ़ते जा रहे हैं. एक साल में भोपाल में इस तरह के करीब 24 मामले दर्ज हुए हैं. इनमें एक मामला रिटायर्ड नैवी कमांडर का भी है. साइबर अपराधियों ने उन्हें मुंबई पुलिस का वरिष्ठ अधिकारी बनकर हाउस अरेस्ट कर लिया. अपराधियों ने उनसे 68.49 लाख रुपये ऐंठ लिए. शहर के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन मामलों में हालात बहुत बुरे हैं. कई पीड़ित लोगों ने तो मामले पुलिस में दर्ज ही नहीं कराए.
शहर के सीनियर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लोग टेक्स्ट मैसेज, वॉट्सएप और टेलीग्राम के जरिये साइबर अपराधियों के जाल में फंस जाते हैं. लोगों को इस तरह के कॉल या मैसेज आने पर कोई भी फैसला लेने से पहले सोचना चाहिए. उन्हें इस बात को प्रमाणित करना चाहिए कि सूचना सही भी है कि नहीं. भोपाल से प्रकाशित अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच और साइबर क्राइम मुख्यालय समय-समय पर लोगों के लिए एडवायजरी जारी करता है. लोगों से अपील की जाती है कि बैंक अकाउंट, इंश्योरेंस और पेंशन से जुड़े फर्जी मैसेज से बचकर रहें.
ये हैं रोंगटे खड़े करने वाली कहानियां
साइबर क्राइम के जाल फंस चुके लोगों की कहानिया भी चौंकाने वाली हैं. कुछ महीने पहले एक नैवी के रिटायर्ड कमांडो से अपराधियों ने 68.49 लाख रुपये की ठगी कर ली. अपराधियों ने खुद को मुंबई पुलिस बताया. अपराधियों ने उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल किया और उन्हें 48 घंटों तक सोने नही दिया. इसी तरह अवधपुरी में रहने वाले एक शख्स को अपराधियों ने फोन पर कहा कि उसके बेटे को किडनैप कर लिया है. उन्होंने जब बेटे को फोन किया, तो अपराधियों ने ही फोन उठाया. हालांकि, पीड़ित ने कॉलेज में फोन कर पता लगा लिया कि उनका बेटा सुरक्षित है. इसी तरह भोपाल में पढ़ रहे एक छात्र के माता-पिता को अपराधियों ने देहरादून में फोन कर उसके किडनैप की जानकारी दी.