MP Opinion Poll: दलित, आदिवासी व मुस्लिमों ने थामा कांग्रेस का हाथ, BJP को सवर्ण व OBC का सहारा

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NDTV CSDS Lokniti Madhaya Pradesh Opinion Polls:मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Assembly Election) की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है.  प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. ऐसे में ये सवाल पैदा होता है कि इस बार प्रदेश में जनता का क्या है मूड है और प्रदेश की अवाम किस मुद्दे पर वोट करने जा रही है. क्या चुनाव में वोटिंग (Voting in Madhya Pradesh) सिर्फ मुद्दों के आधार पर होगी या फिर इस में जाति और संप्रदाय भी अपना असर डालेगा?

इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए सीएसडीएस और एनडीटीवी की टीम ने राज्य में चुनाव पूर्व सर्वे किया. इस सर्वे में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई है.

सवर्णों और ओबीसी भाजपा के साथ

राज्य की सत्ता पर काबिज भाजपा का जादू प्रदेश में सवर्ण और ओबीसी वोटरों पर अब भी बरकरार है. सीएसडीएस और एनडीटीवी की सर्वे में 63 प्रतिशत सवर्णों ने अपना रुझान भाजपा की ओर दिखाया है. वहीं, 25 प्रतिशत सवर्ण वोटर कांग्रेस का साथ देते नजर आए. वहीं, अगर ओबीसी की बात करें तो राज्य के इस वर्ग पर भी भाजपा का जादू बरकरार है. प्रदेश की 50 प्रतिशत ओबीसी मतदाताओं ने अपना रुझान भाजपा की ओर दिखाया, जबकि 33 प्रतिशत ओबीसी मतदाता कांग्रेस का समर्थन करते नजर आए.

कांग्रेस को मिल रहा है दलित और मुस्लिमों का साथ

सवर्ण और ओबीसी मतदाता जहां भाजपा की ओर नजर आ रहे हैं. वहीं, प्रदेश में दलित और मुस्लिमों का रुझान कांग्रेस की ओर नजर आ रहा है. इस सर्वे में 50 प्रतिशत दलितों ने कांग्रेस को वोट देने की बात कही है. वहीं, 32 प्रतिशत दलित भाजपा का समर्थन करते नजर आए. इसके अलावा अगर मुस्लिमों की बात करें तो 85 प्रतिशत मुस्लिमों ने कांग्रेस को समर्थन देने की बात कही है, जबकि 6 मुस्लिम भाजपा के समर्थन में नजर आए.

आदिवासियों ने भी कांग्रेस पर जताया भरोसा

मध्य प्रदेश की राजनीति को दिशा देने वाले आदिवासी समाज भी इस बार कांग्रेस के पक्ष में नजर आ रहे हैं. इस सर्वे में 53 प्रतिशत आदिवासियों ने कांग्रेस का समर्थन करने की बात कही है. वहीं, 36 प्रतिशत आदिवासी भाजपा के समर्थन में खड़े नजर आए. बाकी ने दूसरी पार्टियों को वोट करने की बात कही है.

अब देखना ये होगा कि चुनाव पूर्व सर्वे वोटों में कितना तब्दील हो पाता है. अगर ये रुझान इसी तरह बरकरार रहता है तो साफ है कि कांग्रेस प्रदेश में बढ़त बना लेगी. लेकिन इसका फैसला तो 3 दिसंबर को मतों के गिनती के बाद ही हो पाएगा कि कौन सी पार्टी रुझानों को वोट में बदलने में सफल रही है और कौन सी पार्टी दूसरे के वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब रही.

Credit:NDTV

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