March 26, 2025

MP: कमल नाथ ने कोयला मंत्री का आभार माना, CM शिवराज पर तंज कसा

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Updated on: 08 Jun 2020,

भोपाल: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ (Kamalnath) ने छिंदवाड़ा में दो भूमिगत कोयला खदानों का ई-ओपनिंग के माध्यम से शुभारंभ होने पर कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी के प्रति आभार जताया है, साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) पर झूठा श्रेय लेने का आरोप लगाते हुए तंज भी कसा है. कमल नाथ छिंदवाड़ा से विधायक हैं और उनके पुत्र नकुल नाथ सांसद हैं.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को छिंदवाड़ा की दो भूमिगत कोयला खदानों का ऑनलाइन बटन दबाकर शुभारंभ किया था. कमल नाथ ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि इस शुभारम्भ कार्यक्रम के बाद बड़ा ही आश्चर्य हुआ, जब शिवराज सिंह चौहान को इन खदानों का झूठा श्रेय लेने की कोशिश करते हुए देखा.

कमल नाथ ने खदान शुरू करने की प्रक्रिया में लगने वाले समय का जिक्र करते हुए कहा, “किसी भी खदान को प्रारंभ करने को लेकर वषों की एक बड़ी लंबी प्रक्रिया होती है, इसको लेकर कठिन प्रयास करने पड़ते हैं. इसको वषरें से मेरे द्वारा ठोस प्रयास कर, क्षेत्र के विकास के लिए कड़ी तपस्या के रूप में अमलीजामा पहनाया गया है. शिवराज सिंह का इसमें तनिक भी योगदान नहीं है, उन्हें तो इसकी प्रक्रिया का भी पता नहीं होगा और न किस-किस नियम के तहत कोयला खदान खुलती है, उसका भी ज्ञान होगा.”

कमल नाथ ने छिंदवाड़ा के विकास के लिए शुरुआती वषरें में किए गए प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा, ‘वर्ष 1980 में जब छिंदवाड़ा का सांसद बना तो एमईसीएल द्वारा पूरे कोयला क्षेत्र में विस्तृत बोरिंग करवाई गई तथा एक कार्ययोजना बनाई गई कि नई खदानें कहां-कहां खुल सकती हैं. छिंदवाड़ा जिले की जिन दो भूमिगत खदानों का शनिवार को शुभारंभ हुआ, उसका शिलान्यास डब्ल्यूसीएल की बोर्ड मीटिंग के पश्चात धनकासा खदान का 22 फरवरी, 2009 को मेरे द्वारा व तत्कालीन केंद्रीय कोयला मंत्री बगदोरिया द्वारा किया गया था, वही दूसरी शारदा खदान का उमा भारती द्वारा किया गया था.’

कमलानाथ ने कहा कि केन्द्र की कांग्रेस सरकार के दौरान वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा इसकी मंजूरी प्रदान की गई थी. उन्होंने दोनों खदानों की मंजूरी में आई अड़चन और उसके समाधान की तारीखों के साथ ब्यौरा देते हुए कहा कि “शायद यह सब जानकारी शिवराज सिंह चौहान को नहीं होगी, क्योंकि इन खदानों के प्रयास में उनका कोई योगदान नहीं है. चौहान श्रेय लें उन योजनाओं का, जिनमें उनका प्रयास व योगदान हो. झूठा श्रेय लेने की कोशिश न करें.”

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