MP Election: एमपी में कड़ा है मुकाबला, कोई मुद्दा भारी पड़ता नजर नहीं आता

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भोपाल. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मतदान की तारीख नजदीक आ रही है. प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए एक फेज में 17 नवंबर को वोटिंग होगी. इसके लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता शिवराज सिंह चौहान को इन दिनों अपने हेलीकॉप्टर से रैली स्थलों तक दौड़ते देखा जा सकता है. शिवराज सिंह चौहान एक दिन में 10 रैलियां करते हैं और हर रैली को 20 मिनट में निपटाते हैं. उन्होंने दिवाली के दिन भी चुनाव प्रचार किया और चार रैलियां कीं. उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी, कांग्रेस के कमल नाथ ने भी देर शाम तक छिंदवाड़ा में छोटी सभाएं कीं.

ये दो तस्वीरें बताती हैं कि मध्य प्रदेश में चुनाव कितना करीबी हो गया है. ऐसे चुनाव में जहां कोई खास मुद्दा भारी पड़ता नजर नहीं आता, भाजपा और कांग्रेस दोनों जानते हैं कि चुनाव नतीजे बहुत करीबी हो सकते हैं. जमीन पर कई मतदाताओं से यही सुनने को मिलता है, “मामला टाइट है.” 2018 में भी ऐसा ही था, जब दोनों पार्टियों के बीच केवल 0.3% वोट का अंतर रहा था.

2018 में किसने जीती थीं कितनी सीटें
2018 में कांग्रेस ने बीजेपी की 109 सीटों के मुकाबले 114 सीटें जीतीं, हालांकि वोट शेयर में कांग्रेस पिछड़ गई. इस बार बीजेपी की शुरुआत धीमी दिख रही थी और कांग्रेस का आत्मविश्वास सातवें आसमान पर था. ऐसा प्रतीत होता है कि पिछले एक महीने में भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान के दम पर मजबूती से वापस आई है. कुछ लोगों का कहना है कि दोनों पार्टियां 100 से अधिक सीटों की स्थिति में हैं और अंततः बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और निर्दलीय महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं.

भ्रष्टाचार और बेरोजगारी अहम मुद्दा

शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर थकान है, लेकिन उनकी लोकप्रिय ‘मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना’ ने इसे छिपा दिया है. इस योजना के तहत 1.3 करोड़ महिलाओं को अब तक 1,000-1,250 रुपये प्रति माह की छह किश्तें मिल चुकी हैं. महिला मतदाता, जो वैसे भी भाजपा के पक्ष में थीं, अब और भी अधिक मजबूती से पार्टी के पीछे एकजुट हो गई हैं. लेकिन पुरुष मतदाता कहीं अधिक विभाजित हैं. कुछ लोग इस बात से भी नाराज हैं कि उनके परिवार में महिलाओं को सीधे पैसा दिया जा रहा है. किसान निधि योजना के तहत पुरुष किसानों को सरकार से प्रति माह 1,000 रुपये मिलते हैं, जो महिलाओं को मिलने वाली राशि से कम है.

मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान शासन में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी एक मुद्दा है. कई मतदाताओं ने बताया कि सरकार में निचले स्तर पर भ्रष्टाचार व्याप्त है और युवाओं के लिए नौकरी के मोर्चे पर कुछ खास नहीं हुआ है. लेकिन क्या लोग ऐसे मुद्दों पर वोट करते हैं, यह बहस का विषय है. क्योंकि कई लोग अंततः जाति और पार्टी के आधार पर वोट करते हैं, या यह देखते हैं कि उम्मीदवार कौन है.

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