जानिए कहाँ हे भारत का एकमात्र आस्था बैंक जहां जमा होते हैं ‘ओम नमः शिवाय’

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वाराणसी, 21 फरवरी 2020, अपडेटेड,

बैंक का जब भी नाम आता है तो दिमाग में एक ऐसी तस्वीर बन जाती है जहां पैसों का लेन-देन किया जाता है. लेकिन क्या आपने ऐसा बैंक देखा है जिसमें पैसा नहीं बल्कि आस्था जमा होती है. उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक ऐसा ही बैंक है. इस बैंक में कर्मचारी भी हैं, हिसाब-किताब भी रखा जाता है. अंतर सिर्फ इतना है यहां पैसों की बजाय ओम नमः शिवाय लिखकर जमा किया जाता है.

बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी की विश्वनाथ गली में एक ऐसा बैंक मौजूद है, जहां पैसे की जगह आस्था और श्रद्धा भगवान शिव के पंचाक्षरी मन्त्र ओम नमः शिवाय लिखकर जमा होती है. इस बैंक में एक जन्म की जमा पूंजी को दूसरे जन्म में सूद सहित मिलने की बात कही जाती है. बैंक को ओम नमः शिवाय बैंक के नाम से जाना जाता है.

भक्त यहां आते हैं, अपना खाता खुलवाते हैं और बदले में उन्हें एक बुकलेट मिलती है. जिसमें ओम नमः शिवाय लिखकर यहां फिर से जमा करते है. इस बैंक की प्रक्रिया पूरी तरह से निःशुल्क होती है. माना जाता है कि ऐसे करने से खाताधारकों को न सिर्फ शांति का अनुभव होता है बल्कि पुण्य भी मिलता है.

इस बैंक की स्थापना 2002 में बाबा विश्वनाथ के मंदिर में 11 वेद पाठी वैदिक विद्वान ब्राह्मणों ने की थी. तब से लेकर रोजाना ये बैंक सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक खुलता है. सुबह की शुरुआत भगवान शिव की पूजा के साथ होती है. पूरे दिन यहां आस्था को जमा करने वालों का जमावड़ा होता है.

 अठारह सालों के सफर में आज इस बैंक में 136 करोड़ से भी ज्यादा ओम नमः शिवाय लिखे पत्रों को जमा किया जा चुका है. इन जमा पत्रों को इस बैंक में बड़े ही जतन से सहेजकर रखा जाता है. मान्यता है कि इससे भक्तों पर बाबा विश्वनाथ की विशेष कृपा बरसती है.

ओम नमः शिवाय बैंक के संरक्षक आचार्य पंडित राजेंद्र त्रिवेदी का कहना है कि वाराणसी, नेपाल, बर्मा, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका सहित विश्व के दर्जनों देश के शिव भक्तों ने यहां ओम नम: शिवाय लिखकर जमा किया है. यहां ऐसी मान्यता है कि कष्टों के निवारण के लिए बाबा भोलेनाथ की कृपा बरसेगी. दुख, दर्द और कष्ट के निवारण के लिए भक्त यहां जमा करते हैं.

 

 

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