September 11, 2025

MP Election 2023: मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी विधानसभा , यहां 20 साल से चौखट पर खड़ी है कांग्रेस

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Updated at : 17 Jun 2023

MP Elections 2023: सियासी सफर में आज बात करते हैं इंदौर की विधानसभा 5 की. जी हां ये वही विधानसभा है जहां इंदौर का मशहूर 56 दुकान बाजार शामिल है. इस बाजार की तारीफ खुद पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कर गए थे. तो आईए जानते हैं क्या हैं यहां का सियासी समीकरण और क्या हैं स्थानीय मुद्दे.

कैसा है विधानसभा क्षेत्र का इतिहास
अगर हमें आपको कोई शुभ काम शुरू करना होता है तो सबसे पहले हम प्रथम पूज्य श्रीगणेश की वंदना करते हैं. इंदौर की विधानसभा पांच में विश्वविख्यात श्री खजराना गणेश मंदिर है. यह विधानसभा क्षेत्र पूर्वी इंदौर का वो इलाका है जो सबसे आधुनिक है. इस विधानसभा को पब और मॉल का शहर भी कह सकते हैं. खाने-पीने के लिए फेमस छप्पन दुकान भी इंदौर-5 का हिस्सा है. यहां के विधायक महेंद्र हार्डिया की बदौलत इंदौर में सबसे ज्यादा ब्रिज कहीं हैं तो वो इसी इलाके में हैं.

विधानसभा क्षेत्र से जुड़े आंकड़े 
इंदौर की 5 नंबर विधानसभा में मतदाताओं की संख्या 3,92,862 है. इसमें 1,98,826 पुरुष मतदाता,1,92,678 महिला मतदाता और 10 थर्ड जेंडर मतदाता हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा मुस्लिम मतदाता भी हैं. यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 1 लाख 15 हजार है.

कैसा रहा है राजनीतिक इतिहास
1977 में अस्तित्व में आई इंदौर की 5 नंबर विधानसभा मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी विधानसभाओं में से एक है.जहां कांग्रेस के सुरेश सेठ इस विधानसभा से पहले विधायक बने.अब बीते दो दशक से बीजेपी के खाटी नेता महेंद्र हार्डिया ने इस सीट पर कब्जा जमाया हुआ है. हार्डिया 2018 के चुनाव में कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल को पटखनी दी थी.

क्या हैं स्थानीय मुद्दे

स्थानीय मुद्दों की बात करें तो इस विधानसभा में इंदौर और मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर है. चूकिं धर्म और आस्था से जुड़ा मामला है इसलिए इस मंदिर और मंदिर के आसपास की राजनीति का हल्ला होना लाजमी है. इनमें विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश न दिया जाना सबसे बड़ा मुद्दा है. यहां मदिर में दर्शन शुल्क भी लिया जा रहा है.जनता और नेता इस बात का विरोध भी समय-समय पर करते हैं. वहीं देश की सबसे स्वच्छ सड़क आदर्श रोड की बदहाली, खजराना इलाके में गंदे पानी की समस्या, संजीवनी क्लीनिक की कमी, मुस्लिम बहुल इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं, बेरोजगारी और ड्रेनेज की समस्या भी बड़े मुद्दों में शामिल है. अवैध कॉलोनियां का मुद्दा भी यहां सबसे अधिक चर्चा का विषय बनता है.

क्या हैं जनीतिक समीकरण 
बीजेपी के लिए ये सीट सेफ सीट है. क्योंकि बीते बीस सालों से कांग्रेस को बीजेपी ने विधानसभा के दरवाजे पर ही खड़ा कर रखा है. कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल यहां से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन हर बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. इसलिए इस बार कुछ नए चेहरे भी जोर-आजमाइश कर रहे हैं.उनमें से एक चेहरा स्वप्निल कोठारी का है. चुनाव की बात करें तो यहां इस विधानसभा सीट पर 2003 से लगातार बीजेपी का कब्जा रहा है. 2003, 2008, 2013, 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के महेंद्र हार्डिया जीतते आ रहे हैं. आधुनिक इंदौर से फेमस इंदौर 5 प्रदेश की सबसे अधिक वोटरों वाली विधानसभा सीट है.यहां के नतीजे भले ही बीजेपी के पक्ष में आते रहे हैं.लेकिन जीत का अंतर सांसे अटकाने वाला होता है.

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