MP Election 2023: चाचा और भतीजे की होगी दिलचस्प टक्कर

प्रदेश, मध्य प्रदेश, मुख्य समाचार

LAST UPDATED : 

हरदा. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार कई रोचक मुकाबले होने जा रहे हैं. कई रिश्तेदार चुनाव में आमने-सामने होंगे. इन्हीं दिलचस्प मुकाबलों में से एक होगा हरदा जिले की टिमरनी विधानसभा का चुनाव. यहां चाचा-भतीजा आमने-सामने हैं. बीजेपी के संजय शाह के खिलाफ उनके भतीजे अभिजीत शाह कांग्रेस की तरफ से चुनाव के मैदान में उतरेंगे. यह दूसरी बार होगा जब दोनों की चुनावी भिड़ंत होगी. हरदा जिले की टिमरनी विधानसभा सीट आदिवासी वर्ग की रिजर्व सीट है. साल 2018 विधानसभा चुनाव के कड़े मुकाबले में संजय ने सगे अभिजीत को 2213 मतों से हराया था.

अब फिर 2023 विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारी घोषित होते ही चाचा भतीजे में जुबानी जंग शुरू हो गई है. कांग्रेस के उम्मीदवार अभिजीत शाह ने कहा है कि उनके चाचा का क्षेत्र में विरोध बहुत ज्यादा है. उन्होंने आरोप लगाया कि संजय शाह ने आदिवासियों को गाली दी थी. आदिवासी समाज ने उनको वोट नहीं देने की कसम खाई है. दूसरी ओर, संजय शाह ने कहा कि परिवार और राजनीती अलग-अलग है. सबकी अपनी विचारधारा है. उन्होंने कभी आदिवासी को अपशब्द नहीं कहे. उन्होंने कहा कि साल 2019 में सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचा था. उस वक्त के वीडियो को गलत तरीके से एडिट करके चलाया जा रहा है. अफवाह फैलाई जा रही है.

इस सीट पर जमीं हैं पूरे प्रदेश की निगाह
गौरतलब है कि, हरदा जिले की दोनों विधानसभा में कांग्रेस-बीजेपी ने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. हरदा से बीजेपी के कमल पटेल और कांग्रेस के आरके दोगने चुनाव में आमने-सामने हैं. टिमरनी विधानसभा में बीजेपी से संजय शाह और कांग्रेस से अभिजीत शाह चुनावी मुकाबले में हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में जिले के विधानसभा क्षेत्रों से दोनों दलों से यही उम्मीदवार थे. टिमरनी विधानसभा में चाचा और भतीजे के बीज हो रहे चुनावी रण पर पूरे प्रदेश की निगाह है.

मकडाई राजवंश से है ताल्लुक
दोनों जिले की आदिवासी रियासत मकडाई राजवंश के सदस्य हैं. संजय शाह वर्तमान में टिमरनी से विधायक है. साल 2008 में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर नाराज होकर पहली बार निर्दलीय चुनाव लड़े थे. वे तब निर्दलीय जीते भी थे. वे बाद में बीजेपी में शामिल हुए और 2013-2018 का विधानसभा चुनाव जीता. 2018 में कांग्रेस ने पहली बार अभिजीत शाह हो टिकिट दिया था. वे चाचा से बहुत कम अंतर से हारे थे.

Leave a Reply