MP: बेरोजगार युवाओं के लिए खुशखबरी, राज्य सरकार की मदद से मिलेगी नौकरी

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भोपाल. मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के युवाओं की बेरोजगारी दूर करने का संकल्प लिया है. जिसमें मुख्यमंत्री ने बेरोजगार युवाओं के लिए ‘लर्न एंड अर्न’ की तर्ज पर रोजगार के लिए कौशल सिखाने ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना’ लागू की है. इस योजना में युवाओं को उद्योगों के साथ सर्विस सेक्टर में कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके साथ ही खर्चे के तौर पर कुछ वजीफा भी दिया जाएगा. वहीं, कौशल प्रशिक्षण के लिए कंपनियों और सर्विस सेक्टर को भी जोड़ा जाएगा.

इस नई योजना में ट्रेनिंग देने वाली संस्थाओं का पंजीयन सात जून से शुरू हो चुका है. वहीं, युवाओं का पंजीयन 15 जून से शुरू किया जाएगा. इसके बाद 15 जुलाई से युवाओं का प्लसमेंट भी होना शुरू हो जाएगा. 31 जुलाई को ट्रेनिंग देने वाली संस्थाओं और राज्य शासन के बीच अनुबंधन होगा. एक अगस्त से इस योजना के तहत युवाओं को ट्रेनिंग देना शुरु कर दिया जाएगा.

ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं को सरकार करेगी भुगतान

मध्य प्रदेश सरकार की ओर से की गई घोषणा के अनुसार, प्रदेश के स्थानीय निवासी युवा की उम्र 18 से 29 वर्ष होनी चाहिए. प्रशिक्षण लेने वाले युवा को 5वीं से 12वीं तक की कक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है. ऐसे युवा को सरकार आठ हजार रुपए की सहयोग राशि प्रदान की जाएगी. वहीं, आईटीआई उत्तीर्ण को आठ हजार पांच सौ रुपए, डिप्लोमाधारी के लिए नौ हजार रुपये की मदद सरकार करेगी. स्नातक या उच्च शैक्षणितक योग्यता वाले युवाओं को दस हजार रुपए प्रति माह मध्यप्रदेश सरकार स्टाइपेंड के रूप में देने का एलान किया गया है.

शिवराज सरकार की ओर से निर्धारित भुगतान की 75 फीसदी राशि ट्रेनिंग करने वाले युवाओं को डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) के जरिए भुगतान की जाएगी. वहीं, सबंधित प्रतिष्ठानों द्वारा निर्धारित न्यूनतम भुगतान की 25 फीसदी राशि प्रशिक्षणार्थियों के बैंक खाते में जमा करानी होगी.

इस योजना में चिन्हित प्रतिष्ठानों का पैन एवं जीएसटी पंजीयकरण कराना अनिवार्य होगा. प्रतिष्ठान अपने कुल कार्य-बल के 15 फीसदी की संख्या तक युवाओं को ट्रेनिंग दे सकते हैं. जिन प्रतिष्ठानों में कम से कम 20 लोग नियमित रुप से कार्यरत हैं. उनके कुल कार्य-बल की गणना ईपीएफ जमा करने के आधार पर की जाएगी. ट्रेनिंग करने वाले युवाओं को स्टाईपेंड एक वर्ष तक दिया जाएगा.

मध्य प्रदेश सरकार की इस योजना में युवाओं के प्रशिक्षण के लिए 703 कार्य-क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं. इसमें निर्माण क्षेत्र, इलेक्ट्रिकल, इंजीनियरिंग, मैकेनिकल, प्रबंधन, सिविल, होटल मैनेजमेंट, मार्केटिंग, टुरिज्म, ट्रायबल, अस्पताल, आईटी सेक्टर, रेलवे, बैंकिंग, बीमा, लेखा, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, चार्टर्ड अकाउंट, मीडिया, कला, कानूनी और विधि सेवाएं,शिक्षा प्रशिक्षण, सेवा क्षेत्र में कार्यरत प्रतिष्ठान आदि को शामिल किया गया है.

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