MP News: इंदौर में बनेगा ब्रॉड गेज मेट्रो
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भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मिनी मुंबई (Mumbai) कहे जाने वाले इंदौर (Indore) में ब्रॉड गेज मेट्रो बनाया जाएगा. इसके लिए नागपुर (Nagpur) का फाॅर्मूला अपनाने की तैयारी की जा रही है. दिल्ली में केन्द्रीय परिवहन एवं सड़क मंत्री नितिन गडकरी के साथ एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान की बैठक हुई. बीते बुधवार की देर शाम हुई इस बैठक में एमपी में ब्रॉडगेज मैट्रो पर विशेष रूपसे चर्चा की गई. सीएम चौहान ने जानकारी दी कि मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों को ब्राडगेज मैट्रो से जोड़ा जाएगा. इसका उपयोग यात्रियों और गुड्स दोनों के लिए होगा.
सीएम शिवराज सिंह ने बताया कि ब्रॉड गेज मेट्रो नागपुर की तर्ज पर बनाया जाएगा. इसको लेकर केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी से विस्तृत रूप से चर्चा हुई है. इस दौरान मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के एमडी छवि भारद्वाज भी उपस्थित थीं. जल्द ही ब्रॉड गेज मेट्रो प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जा सकता है. सीएम शिवराज के मुताबिक केंद्रीय सड़क और आधारभूत ढांचा फंड योजना के अंतर्गत लगभग 4200 करोड़ रुपये के प्रस्ताव सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर अग्रेषित किए गए हैं, जिनमें से केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के इंदौर प्रवास के दौरान लगभग 1500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को स्वीकृति देने की घोषणा की जा चुकी है.
चार शहरों में बनेगा रिंग रोड
एमपी के चारों बड़े शहरों भोपाल (Bhopal), इंदौर, जबलपुर (Jabalpur) और ग्वालियर (Gwalior) में रिंग रोड का निर्माण नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) से कराने का फैसला लिया गया है. इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार जमीन उपलब्ध कराएगी. यह प्रोजेक्ट 1 साल में पूरा किया जाएगा. इसके साथ ही अटल एक्सप्रेस-वे (चंबल) के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनेंगे और 900 किलोमीटर लंबे नर्मदा एक्सप्रेस-वे को भारतमाला प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा. बता दें कि हाल ही में एक्सप्रेस वे के रूप में बड़ा तोहफा एमपी की जनता को दिया गया था.
सीएम शिवराज सिंह ने मीडिया को बताया कि अटल एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल क्लस्टर निर्माण को लेकर केन्द्रीय मंत्री गडकरी से चर्चा हुई. गडकरी के साथ बैठक में भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में रिंग रोड निर्माण पर भी सहमति बनी है. प्रदेश के इन शहरों में रिंग रोड का निर्माण इंदौर के सुपर कॉरिडोर की तर्ज पर किया जाएगा, ताकि रिंग रोड के दोनों तरफ औद्योगिक गतिविधियां चालू हो सके.