MP: नगरीय निकाय चुनाव में आतंक का खतरा, अलर्ट पर सुरक्षा एजेंसियां

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भोपाल. मध्य प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव में आतंक का खतरा मंडरा रहा है. सरकार को मिले इंटेलिजेंस इनपुट के बाद सुरक्षा एजेंसीयां अलर्ट पर हैं. प्रशासन ने अति संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है. लोग पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती के बीच मतदान करेंगे. दरअसल, पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों की पुलिस को अलर्ट जारी किया है. सूत्रों के अनुसार उदयपुर की घटना के बाद इंटेलिजेंस को इनपुट मिला है कि आतंकवादी सांप्रदायिक हिंसा के जरिए लोगों को भड़काने का काम कर सकते हैं. इस इनपुट के बाद पुलिस मुख्यालय ने इंटेलिजेंस सिस्टम को पहले से ज्यादा सक्रिय रहने निर्देश दिए हैं.

पुलिस की हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर है. भोपाल के एडिशनल पुलिस कमिश्नर सचिन अतुलकर ने कहा कि उदयपुर के घटनाक्रम के बाद संवेदनशीलता बढ़ गई है. पुलिस जनता से भी वार्तालाप कर रही है. चुनाव के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ाई गई है. सोशल मीडिया पर भी भड़काऊ पोस्ट होने पर पुलिस तत्काल कार्रवाई कर रही है. भोपाल में 6 जुलाई को होने वाले मतदान को लेकर संवेदनशील बूथों पर अतिरिक्त फोर्स की तैनाती करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इसके अलावा पेट्रोलिंग और सोशल मीडिया सेल को एक्टिव कर दिया गया है.

पुलिस ने जनता से की ये अपील
एडिशनल पुलिस कमिश्नर सचिन अतुलकर ने बताया कि निष्पक्ष शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न कराने के लिए थाना प्रभारियों को निर्देशित किया कि वह अपने क्षेत्र में गुंडे-बदमाशों पर कार्रवाई करें. उन्होंने लोगों से अपील की है कि उदयपुर की घटना को लेकर सतर्क रहें और इस तरह का वीडियो सामने आते ही पुलिस को सूचना दें. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई होगी. सरकार ने वरिष्ठ अधिकारियों को स्थानीय थानों का भ्रमण करने के निर्देश दिए हैं.

गृह मंत्री ने कही ये बात
दूसरी ओर, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उदयपुर की घटना पर कहा कि मध्य प्रदेश में पूरी तरह से शांति है. राजस्थान से लगी प्रदेश की सीमाओं पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उसी दिन अलर्ट जारी कर दिया था. अभी तक उदयपुर का मध्य प्रदेश से कोई कनेक्शन नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि उदयपुर बार एसोसिएशन द्वारा कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों का केस नहीं लड़ने का फैसला स्वागत योग्य है. समाज में भय और आतंक का वातावरण पैदा करने वाले लोगों के खिलाफ समाज का आगे आना निसंदेह स्वागत योग्य है.

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