एनडीटीवी के रवीश कुमार को मिला एशिया का नोबेल कहे जाने वाला ‘रैमॉन मैगसेसे’ पुरस्कार

मुख्य समाचार, राष्ट्रीय

Updated: 2 अगस्त, 2019,

नई दिल्ली:  पत्रकारिता जगत में अपनी अलग पहचान बना चुके एनडीटीवी इंडिया के मैनेजिंग एडिटर रवीश कुमार को एक बार फिर सम्मानित किया गया है. इस बार उन्हें वर्ष 2019 के ‘रैमॉन मैगसेसे’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया. एनडीटीवी के रवीश कुमार को ये सम्मान हिंदी टीवी पत्रकारिता में उनके योगदान के लिए मिला है. ‘रैमॉन मैगसेसे’ को एशिया का नोबेल पुरस्कार भी कहा जाता है. बता दें कि रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार एशिया के व्यक्तियों और संस्थाओं को उनके अपने क्षेत्र में विशेष रूप से उल्लेखनीय कार्य करने के लिए प्रदान किया जाता है. यह पुरस्कार फिलीपीन्स के भूतपूर्व राष्ट्रपति रैमॉन मैगसेसे की याद में दिया जाता है.

पुरस्कार संस्था ने ट्वीट कर बताया कि रवीश कुमार को यह सम्मान “बेआवाजों की आवाज बनने के लिए दिया गया है.” रैमॉन मैगसेसे अवार्ड फाउंडेशन ने इस संबंध में कहा, “रवीश कुमार का समाचार कार्यक्रम ‘प्राइम टाइम’ आम लोगों की वास्तविक जीवन से जुड़ी समस्याओं से संबंधित है.” अवॉर्ड संस्था ने कहा, “यदि आप लोगों की आवाज बन गए हैं, तो आप एक पत्रकार हैं.”

 बता दें कि रवीश कुमार ने NDTV में चिट्ठी छांटने से काम शुरू किया था. बाद में रवीश की रिपोर्ट से उन्हें नई पहचान मिली और उस खास रिपोर्ट के जरिए वो आम लोगों की आवाज बने. पत्रकारिता के क्षेत्र में रवीश दिनों-दिन नए आयाम छूते गए.
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रवीश कुमार के अलावा वर्ष 2019 रैमॉन मैगसेसे अवार्ड के चार अन्य विजेताओं में म्यांमार से को स्वे विन, थाईलैंड से अंगखाना नीलापजीत, फिलीपींस से रेमुंडो पुजांते कैयाब और दक्षिण कोरिया से किम जोंग हैं.

 

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