Pitra Dosh 2022: क्यों लगता है पितृ दोष ?

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Updated: 12 सितम्बर, 2022,

Pitra Dosh Reason and Upay: पितृ पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण और पिंडदान किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2022) के दौरान पितर देव पृथ्वी लोक पर आते हैं और अपनें वंशजों द्वारा किए गए तर्पण, पिंडदान से तृप्त होते हैं. पितृ पक्ष, पितृ दोष से मुक्ति पाने के सबसे अच्छा अवसर होता है. कहा जाता है कि पितरों के आशीर्वाद से ही परिवार सुखी-संपन्न रहता है. वहीं अगर पितृ देव नाराज हो जाते हैं तो कई पीढ़ियों को पितृ दोष (Pitru Dosh) का दंश झेलना पड़ता है. आइए जानते हैं कि पितृ दोष क्यों लगता है. पितृ दोष के लक्षण (Pitra Dosh Lakshan) क्या हैं और इससे छुटकारा पाने के लिए कौन-कौन से उपाय (Pitra Dosh Upay) किए जा सकते हैं.

पितृ दोष क्यों लगता है | Reason of Pitra Dosh

1. धार्मिक मान्यता के अनुसार, जब मृत्यु के बाद मृतक के अंतिम संस्कार में किसी प्रकार की कोई कमी रह जाती है तो ऐसे में पितृ दोष लगता है.

2. कहा जाता है कि अकाल मौत हो जाने पर परिवार के सदस्यों को कई पीढ़ियों तक पितृ दोष का दंश झेलना पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष को अशुभ माना गया है. मान्यता है कि पितृ दोष की वजह से जीवन में दुर्भाग्य बढ़ने लगता है. ऐसे में अकाल मृत्यु होने पर पितर शांति पूजा कराना जरूरी  होता है.

3. ज्योतिष शास्त्र की मान्यता के अनुसार, मृत्यु के बाद जब परिजनों का पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म नहीं किया जाता है तो ऐसे में पितृ दोष लगता है. इसके अलावा माता-पिता का अनादर या अपमान करने पर भी पितृ दोष लगता है.

4. पितरों का अपमान, किसी असहाय की हत्या, पीपल, नीम और बरगद के पेड़ काटने, जाने-अनजाने में नाग की हत्या करने से पितृ दोष लगता है.

पितृ दोष के उपाय | Pitra Dosh Upay

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पितृ पक्ष में पूर्वजों के निमित्त विधि विधान से पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं.

पितृ पक्ष में ब्राह्मण को भोजन कराए जाते हैं और उन्हें दान दिया जाता है. इसके साथ ही साल की हर एकादशी, चतुर्दशी, अमावस्या पर पितरों को जल अर्पित किया जाता है. इसके अलावा त्रिपंडी श्राद्ध भी किए जाते हैं.

पितृ पक्ष में पितृ दोष शांति के लिए रोजाना दोपहर के समय पीपल की पूजा की जाती है. साथ ही पितरों को प्रसन्न करने के लिए पीपल में गंगाजल में काले तिल, दूध, अक्षत और फूल मिलाकर अर्पित किया जाता है.

पितृ पक्ष के दौरान रोजाना घर में शाम के समय दक्षिण दिशा में तेल का दीपक लगाएं. माना जाता है कि ऐसा करने से पितृ दोष खत्म हो जाता है.

पितृ पक्ष के दौरान किसी जरुरतमंद को भोजन कराएं. साथ ही उन्हें दान दें. इसके अलावा किसी गरीब कन्या के विवाह में मदद कर सकते हैं. माना जाता है कि ऐसा करने से पितृ देव प्रसन्न होते हैं. जिससे पितृ दोष शांत होता है.

घर में पितरों की तस्वीर दक्षिण दिशा में लगाएं. रोजाना उनसे अपनी गलती की क्षमा मांगे. मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान ऐसा करने से पितृ दोष का प्रभाव कम होने लगता है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.

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