बीजेपी में सचिन पायलट कैंप की एंट्री

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Updated at : 31 Oct 2023

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवंबर को वोटिंग होनी है. उससे पहले कांग्रेस को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं. टिकट न मिलने से नाराज नेताओं की भारतीय जनता पार्टी (BJP) में एंट्री हुई है. इनमें सचिन पायलट खेमे के पंडित सुरेश मिश्रा और पूर्व  मेयर ज्योति खंडेलवाल भी हैं. बीजेपी में शामिल होते ही दोनों नेता कांग्रेस पर हमलावर हो गए हैं.

पंडित सुरेश मिश्रा और ज्योति खंडेलवाल ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि वहां इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि कौन कितना काम कर रहा है. फर्क इस बात से पड़ता है कि कौन किस खेमे से है. आइए दोनों नेताओं के पॉलिटिकल करियर पर एक नजर डाल लेते हैं-

ज्योति खंडेलवाल
राजस्थान की राजनीति में ज्योति खंडेलवाल तकरीबन 20 सालों से सक्रिय हैं. साल 2009 में वह जयपुर से कांग्रेस के टिकट पर मेयर बनी थीं. मेयर चुनाव में आश्चर्यजनक जीत से उनका राजनीतिक सफर चमक गया. उन्होंने बीजेपी की सुमन शर्मा को 13,500 वोटों से हराया था. मेयर के तौर पर उनका कार्यकाल काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा. इस दौरान वह कई विवादों और अधिकारियों के साथ कहासुनी जैसे मुद्दों को लेकर चर्चाओं में रहीं. साल 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में वह जयपुर की हवा महल या किशनपोल सीट से लड़ना चाहती थीं, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया. इस बात से नाराज होकर ज्योति खंडेलवाल ने स्थानीय नेताओं के खिलाफ एआईसीसी में शिकायत दर्ज कराई और पार्टी से इस्तीफा देने की भी धमकी दी. इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें जयपुर से मैदान में उतारा, लेकिन वह बीजेपी के राम चरण बोहरा से हार गईं.

ज्योति खंडेलवाल से जुड़े विवाद
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक टीवी चैनल ने स्टिंग ऑपरेशन कर उन्हें भ्रष्ट नेता बताया और कहा कि कांग्रेस को उनका टिकट रद्द कर देना चाहिए. चैनल ने दावा किया था कि ज्योति और उनके पति शरद 25 मार्च, 2019 को दिल्ली के कनॉट प्लेस में चैनल के अंडरकवर रिपोर्टर से मिले और कुछ काम करने के एवज में 5 करोड़ रुपये की बातचीत की. रिपोर्टर एक कॉन्ट्रैक्टर के तौर पर पेश हुआ था, जिसने कहा कि ज्योति खंडेलवाल को सांसद बनने के बाद पैसे लेकर कॉन्ट्रैक्टर का काम कर देना चाहिए. हालांकि, ज्योति खंडेलवाल ने चैनल के दावे को खारिज करते हुए कहा कि उस दिन वह जयपुर में ही थीं और स्टिंग को उन्होंने फर्जी बताया. खंडेलवाल ने चैनल से स्टिंग ऑपरेशन को फर्जी बताते हुए 1 रुपये का मुआवजा मांगा था. इसके अलावा, हेयर स्टाइलिस्ट जावेद हबीब पर केस दर्ज करने को लेकर भी वह चर्चाओं में आ गई थीं. जनवरी, 2022 में उन्होंने शिकायत दर्ज की थी. उनका आरोप था कि जावेद हबीब ने एक महिला का हेयर स्टाइलिंग करते वक्त उसके बालों में थूका.

बीजेपी में शामिल होने पर क्या बोलीं ज्योति खंडेलवाल
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी में शामिल होने के बाद ज्योति खंडेलवाल ने कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि जमीन पर काम करने वालों को कांग्रेस अनदेखा करती है. जो लोग पार्टी के लिए सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करते हैं उन्हें नजरअंदाज किया जाता है. यह एक कमजोर नेतृत्व की निशानी है. उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव में विधायकों ने काम नहीं किया और उनका विरोध किया, फिर भी पार्टी ने उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया. सचिन पायलट का समर्थन करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस में यह बात अहमियत नहीं रखती कि कौन क्या कर रहा है, इस बात को ज्यादा तवज्जो दी जाती है कौन किस नेता को सपोर्ट कर रहा है.

पंडित सुरेश मिश्रा
सचिन पायलट खेमे के एक और नेता पंडित सुरेश मिश्रा के बीजेपी में शामिल होने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. साल 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जयपुर की सांगानेर विधानसभा सीट से सुरेश मिश्रा को मैदान में उतारा था, लेकिन वह बीजेपी के घनश्याम तिवारी से हार गए थे. इसके बाद दो विधानसभा चुनावों में उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया और अब तीसरी बार भी पार्टी ने उन्हें सांगानेर सीट से टिकट नहीं दिया तो वह नाराज हो गए. हालांकि, उनका कहना है कि अगर उन्हें टिकट दिया जाता तो वह जीत जाते. वह सर्व ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं.

बीजेपी में शामिल होकर क्या बोले पंडित सुरेश मिश्रा
बीजेपी में शामिल होने के बाद सुरेश मिश्रा ने आरोप लगाया कि सचिन पायलट खेमे के नेताओं को कांग्रेस साइडलाइन कर रही है. उन्होंने कांग्रेस पर सनातन धर्म के अपमान का भी आरोप लगाया. सुरेश मिश्रा ने इकबाल के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने के कांग्रेस सरकार के हालिया फैसले पर भी सवाल उठाया. इकबाल की सड़क पर एक दुर्घटना के बाद बहस के दौरान हत्या कर दी गई थी. उनके मुताबिक, यह कांग्रेस द्वारा सनातन का अपमान करने का एक और उदाहरण है. कांग्रेस से इस्तीफा देने के पीछे उन्होंने इसे भी एक कारण बताया है.

सचिन पायलट के कट्टर समर्थक थे पंडित सुरेश मिश्रा
पंडित सुरेश मिश्रा की गिनती सचिन पायलट के कट्टर समर्थक नेताओं में की जाती थी. पिछले पांच सालों से अशोक गहलोत के साथ चल रहे तनातनी के दौरान वह लगातार सचिन पायलट के समर्थन में खड़े रहे. चाहे पायलट की यात्रा और या प्रदर्शन हो वह हमेशा उनके साथ खड़े रहे. बीजेपी में शामिल होने के बाद सुरेश मिश्रा ने कहा, ‘कोई सचिन पायलट को नहीं पूछ रहा. सचिन पायलट एक युवा छाप थे, उनको तो खत्म कर दिया गया… मेरे पास क्या विकल्प था?’

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