Ram Mandir: PM मोदी की 1992 की ‘राम प्रतिज्ञा’, अब जाकर पूरी होगी

मुख्य समाचार, राष्ट्रीय

Last Updated: Jan 03, 2024,

PM Modi pledge Ram Mandir: जैसे जैसे अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख नजदीक आ रही है. वैसे वैसे करोड़ों रामभक्तों की अपने आराध्य श्रीराम से जुड़े संकल्प और उनकी यादों से जुड़ी कहानियां सामने आ रही हैं. कुछ ऐसे ही एक भावना की बात करें तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी एक तीस साल पुरानी वो प्रतिज्ञा पूरी होने जा रही है, जिसकी उन्होंने सौगंध खाई थी.

14 जनवरी 1992 जब पीएम मोदी ने ली ‘राम प्रतिज्ञा’

वो तारीख थी 14 जनवरी 1992 की जिस दिन पीएम मोदी कई रामभक्तों की तरह उस दिन अपने आराध्य का दर्शन करने अयोध्या में थे. इसी दिन उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि में रामलला को देखकर एक भावपूर्ण प्रतिज्ञा ली थी जिसके पूरा होने का मुहूर्त निकल चुका है. 22 जनवरी को जब रामलला के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पूरी होगी. ठीक उसी समय पीएम मोदी की राम प्रतिज्ञा पूरी हो जाएगी.

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन के मुख्य यजमान हैं. प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद भगवान को सबसे पहले शीशे के जरिए खुद उनका चेहरा दिखाया जाता है. ऐसे में इस प्रथा के बाद पीएम मोदी रामलला के दर्शन करेंगे. इसी के साथ करीब तीन दशक पुरानी मोदी की ‘राम प्रतिज्ञा’ पूरी हो जाएगी.

जब रास्ता साफ हो जाएगा तब…

भगवान राम के जन्मस्थल पर बने मंदिर को तोड़कर बाबर के सेनापति मीरबाकी ने करीब 500 साल पहले बाबरी मस्जिद बनवाई थी. बीजेपी और आरएसएस के अनुशांगिक संगठन आजादी के पहले से भगवान की जन्मस्थली पर उन्हीं का मंदिर देखने का सपना लेकर अपने लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में धीरे धीरे आगे बढ़ रहे थे. इसी मुहिम में भविष्य में आगे चलकर बीजेपी ने 11 दिसंबर 1991 में कन्याकुमारी से अपनी एकता यात्रा शुरू की थी जो 14 जनवरी 92 को अयोध्या पहुंची. उस यात्रा में बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी और संघ के पूर्व प्रचारक की हैसियत से गुजरात बीजेपी के महासचिव के रूप में नरेंद्र मोदी भी टेंट में मौजूद रामलला के दर्शन करने आए थे. उसी समय मोदी जन्मभूमि का दर्शन करने गए थे.

पीएम मोदी को करीब से जानने वालों के मुताबिक उसी दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यह प्रतिज्ञा ली थी कि अब मंदिर में विराजमान होने के बाद दर्शन करने आएंगे. समय का पहिया आगे बढ़ता गया. कानूनी लड़ाई खत्म हुई. यही वजह है कि जब सुप्रीम कोर्ट से मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद मंदिर के शिलान्यास के दौरान पीएम मोदी वहां पहुंचे थे और अब प्राण प्रतिष्ठा आयोजन के मुख्य यजमान की हैसियत ने पूजन संपन्न होने के बाद जैसे ही पीएम मोदी भगवान के प्रथम दर्शन करेंगे तो उसी के साथ ही उनकी 30 साल पुरानी प्रतिज्ञा पूरी हो जाएगी.

आपको बताते चलें कि 1990 के दशक में बीजेपी ने जब राममंदिर आंदोलन को तेज किया था. उस समय लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में सोमनाथ से जो रथ यात्रा निकाली गई थी उसके मुख्य सूत्रधार मोदी ही थे.

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