March 24, 2025

फिर रिलीज हो रही है इंडिया की ये नंबर 1 हॉरर फिल्म, जिसे बनाने में एक्टर ने प्रॉपर्टी और कार तक बेच दी

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Published on: August 27, 2024

2018 में रिलीज हुई ‘तुम्बाड’ उन भारतीय फिल्मों में से है, जिसने ये साबित कर दिया की आज भी कंटेंट ही किंग है। तलवार से लेकर सिमरन जैसी फिल्मों में अलग-अलग रोल में नजर आए सोहम शाह जब दर्शकों के बीच तुम्बाड लेकर आए तो इसे देखने में जैसे दर्शकों के पसीने ही छूट गए। इस फिल्म को आईएमडीबी पर 10 में से 8.2 रेटिंग मिली है। इन दिनों ये फिल्म एक बार फिर चर्चा में है। दरअसल, सोहम शाह की ये शानदार फिल्म 30 अगस्त को एक बार फिर सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। 2018 में जब ये सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी तो दर्शकों के पसीने छूट गए थे। फिल्म को क्रिटिक्स ने भी काफी पसंद किया था और इसने कई नेशनल-इंटरनेशनल अवॉर्ड भी जीते थे।

फिर सिनेमाघरों में रिलीज होगी तुम्बाड

इन दिनों वैसे भी भारतीय दर्शकों के बीच हॉरर फिल्मों का जलवा देखने को मिल रहा है। इस साल रिलीज हुईं दो हॉरर फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर छप्परफाड़ कमाई की। राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर स्टारर ‘स्त्री 2’ तो अब भी बॉक्स ऑफिस पर छाई हुई है और 500 करोड़ का आंकड़ा पार करने के लिए तैयार है। इससे पहले हॉरर-कॉमेडी ‘मुंज्या’ ने दर्शकों को खूब डराया और लोगों को डरा-डरा कर बॉक्स ऑफिस पर धुआंधार कलेक्शन कर लिया। अब हॉरर फिल्मों के दीवानों के लिए सोहम शाह ने अपनी नंबर 1 हॉरर फिल्म ‘तुम्बाड’ को फिर रिलीज करने का फैसला लिया है।

तुम्बाड को बनने में लगे 7 साल

लेकिन, क्या आप जानते हैं इस फिल्म बनाने में निर्माता को पूरे 7 साल लगे थे। यही नहीं, फिल्म बनाने में सोहम शाह को अपने फ्लैट और प्रॉपर्टी से लेकर कार तक बेचनी पड़ गई थी। दरअसल, इस फिल्म को बनने में काफी समय लग रहा था, ऐसे में फिल्म से जुड़े एक्टर, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर्स को कई प्रोजेक्ट छोड़ने पड़े। सोहम शाह ने खुद एक इंटरव्यू के दौरान इसका खुलासा किया था। यही नहीं, सोहम इस फिल्म को दर्शकों से मिली प्रतिक्रिया के बाद भी काफी हैरान थे, क्योंकि उन्हें बिलकुल उम्मीद नहीं थी कि फिल्म को इतना पसंद किया जाएगा।

तुम्बाड की कहानी

तुम्बाड की कहानी की बात करें तो इसकी कहानी 1918 में महाराष्ट्र के एक तुम्बाड नाम के गांव से शुरू होती है, जहां विनायक (सोहम शाह) अपनी मां और भाई के साथ रह रहा होता है। यहां एक बाड़े में खजाने की बात होती है, जिसकी तलाश विनायक और उसकी मां को भी होती है, लेकिन इसी बीच कुछ ऐसा होता है कि विनायक की मां उसे लेकर पुणे चली जाती है। 15 साल बाद जब विनायक गांव वापस आता है तो खजाने की तलाश में जुट जाता है, इसके बाद उसका सामना हस्तर से होता है, जिस पर श्राप है कि उसे उसके लालच और भूख की वजह से कभी नहीं पूजा जाएगा। इसके बाद क्या होता है, ये जानने के लिए ये फिल्म आप या तो प्राइम वीडियो पर देख सकते हैं या फिर 30 अगस्त को सिनेमाघरों में।

 

 

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