MP: अप्राकृतिक कृत्य मामले में पूर्व वित्त मंत्री राघवजी को राहत, हाई कोर्ट ने दिए FIR निरस्त करने के आदेश

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जबलपुर. मध्य प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री राघवजी को कथित कुकृत्य के मामले में हाई कोर्ट से राहत मिल गई है. जबलपुर हाई कोर्ट ने साल 2013 के अप्राकृतिक कृत्य के मामले में पूर्व मंत्री राघवजी के खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने के आदेश दिए हैं. राघवजी के खिलाफ उनके पूर्व कर्मचारी ने अप्राकृतिक संबंध बनाने का आरोप लगाया था. हाई कोर्ट से राहत मिलने पर उनके समर्थकों में खुशी की लहर है.

बता दें, राघवजी के खिलाफ उनके कर्मचारी ने अप्राकृतिक कृत्य करने की शिकायत भोपाल के हबीबगंज थाने में की थी. मामला दर्ज होने के बाद राघवजी को पद से इस्तीफा देना पड़ा था. राघवजी ने इन आरोपों झूठा बताया था. उन्होंने साल 2016 में हाई कोर्ट से एफआईआर निरस्त करने की अपील की थी. इसके बाद इस मामले की और गहराई से पड़ताल की गई. तब शिकायतकर्ता ने स्वीकार किया कि उसने एक अन्य पीड़ित कर्मचारी की मदद से छिपकर वीडियो बनाया था. उसी को आधार बनाकर उसने शिकायत दर्ज कराई थी.

इस आधार पर कोर्ट ने रद्द की एफआईआर
इस मामले में कहीं भी दबाव या षड्यंत्रपूर्वक अप्राकृतिक कृत्य करने की बात सामने नहीं आई. है. जांच में सामने आया कि पीड़ित ने खुद को बचाने की कोशिश नहीं की. ऐसे में कानून के मुताबिक दो वयस्क लोगों की आपसी सहमति से संबंध बनाना अपराध नहीं है. इन सभी तथ्यों के आधार पर कोर्ट ने एफआइआर निरस्त करने का फैसला सुनाया.

इस मामले के सामने आने पर बर्बाद हुआ था राजनीतिक करियर
बता दें. यह मामले सामने आते ही हड़कंप मच गया था. इसकी वजह से पूर्व वित्त मंत्री राघवजी का राजनीतिक करियर भी बर्बाद हो गया. राघवजी उन दिनों बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे, लेकिन इन आरोपों की वजह से उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. इतना ही नहीं, उन्हें पार्टी से भी बेदखल कर दिया गया था.

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