September 11, 2025

भारत को विश्वगुरू बनना नहीं है क्योंकि ज्ञान के मामले में वह विश्वगुरू ही है – श्री शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी

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दिनांक:08-06-2023
भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित किए जा रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह कार्यक्रम के तहत गुरुवार को हवन, पूर्णाहुति तथा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न हुआ। आज प्रातः श्रीमज्जगदगुरू स्वामी जी शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी का आगमन भोपाल रेलवे स्टेशन पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विजय सिंह व अन्य पदाधिकारियों और विद्यार्थियों के बड़े समूह द्वारा उल्लासपूर्वक स्वागत किया गया।
इसके उपरांत श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज श्री ऋगवैदिय पूर्वाम्नाय गोवर्धन मठपुरी पीठाधीश्वर जी से बातचीत के सत्र का आयोजन हुआ। जिसमें उन्होंने भारतीय अध्यात्म, वैचरिक समृद्धता और प्रगतिशील भारत एवं हिंदू राष्ट्र पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व गुरु बनने की दस्तक दे चुका है। आने वाला समय भारत का होगा। उन्होंने भारतीय ज्ञान की व्याख्या करते हुए यह भी कहा कि हमें विश्वगुरू बनना नहीं है क्योंकि हम आज भी ज्ञान के मामले में विश्वगुरू ही हैं। इस दौरान कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे, इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए की संपादक डॉ विनीता चौबे, आईसेक्ट के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट डॉ सिद्धार्थ चतुर्वेदी, आईसेक्ट ग्रुप का यूनिवर्सिटीज की निदेशक डॉ अदिति चतुर्वेदी वत्स, आईक्यूएसी के निदेशक श्री नितिन वत्स, विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ विजय सिंह और शिक्षाविद डॉ अमिताभ सक्सेना समेत गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। इसके बाद प्रसाद वितरण और भंडारा का आयोजन हुआ जिसमें भोपाल, रायसेन एवं होशंगाबाद जिलों के पांच हजार से अधिक लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
शाम में धर्म सभा का आयोजन हुआ। इस दौरान बात करते हुए श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज ने धर्म, राजनीति, अध्यात्म और गृहस्थ जीवन के साथ ही संन्यास पर लोगों के प्रश्नों के उत्तर दिए। उन्होंने कहा कि आज विज्ञान का युग है। विज्ञान सनातन धर्म की देन है। विज्ञान भी वेद पुराण की महत्ता को नकार नहीं सकता। उन्होंने आगे कहा कि हमें सनातनी परंपरा का पालन कर लोगों के बीच इसका प्रचार प्रसार करना होगा भारत में निवास करने वाले सभी नागरिकों के पूर्वज हिंदू हैं वह सनातन धर्म से पोषित है उन्हें अपने अतीत का स्मरण कराकर वापस लाना होगा। हिंदी में ही संस्कृत का समावेश है। वेद और पुराण का हिंदी वर्जन सनातन धर्म को सही तरीके से परिभाषित करता है इसलिए हिंदी भाषा का प्रचार प्रसार भी जरूरी है।
आज इस शुभ अवसर पर सुश्री उमा भारती जी, पूर्व मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश, सुश्री ऊषा ठाकुर, माननीय मंत्री, संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास और धर्मस्य, मध्य प्रदेश शासन, भोपाल क्षेत्र की माननीय सांसद सुश्री साध्वी प्रज्ञा जीने स्वामी जी से सादर भेंट की। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण विश्वविद्यालय परिसर में पहुंचे थे। सभी ने जगतगुरु शंकराचार्य जी के दर्शन मात्र को सौभाग्य बताते हुए कहा कि गोवर्धन मठ पीठाधीश्वर शंकराचार्य साक्षात भगवान शिव के अवतार माने जाते हैं। उनके आगमन से भोपाल सहित विश्वविद्यालय परिसर की पावन धरा धन्य हो गई। श्रद्धालुओं ने बताया कि धर्म सभा में उन्होंने सनातन धर्म और सनातनी परंपरा से साक्षात्कार किया। जगतगुरु के दिव्य दर्शन के लिए भोपाल ही नहीं बल्कि आसपास के होशंगाबाद, रायसेन, विदिशा जिले से कई लोग विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे थे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे जी ने स्वामी जी का स्वागत किया। वही कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ विजय सिंह जी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
9 जून 2023, शुक्रवार के कार्यक्रम
जगद्गुरू शंकराचार्य जी द्वारा छोटे समूहों में बातचीत एवं संगोष्ठियों का आयोजन प्रातः 9:00 से 12:00 बजे तक होगा। वहीं सायं 7 बजे से भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। इसमें सुप्रसिद्ध भजन गायिका मैथिली ठाकुर की प्रस्तुति होगी।

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