September 11, 2025

विश्वरंग के अंतर्गत कला महोत्सव का आगाज आज से

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vishwarang

Last Updated: Nov 14, 2022,

भोपाल : टैगोर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव “विश्व रंग” 2022 के अंतर्गत कला महोत्सव का भव्य शुभारंभ आज प्रातः 11:00 बजे  रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के शारदा सभागार में हुआ । प्रातः 11:00 बजे गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की गयी। तत्पश्चात विश्वविद्यालय के शारदा सभागार में सुब्रत सेन के गायन (रबीन्द्र संगीत) का सुमधुर आयोजन हुआ । अंत में सुर पराग जबलपुर द्वारा रबीन्द्र संगीत की वृंद प्रस्तुति मुरलीधर नागराज एवं तापसी नागराज द्वारा दी जाएगी।

वहीं कल शाम 7:00 बजे से 9:00 बजे तक रबीन्द्र भवन में प्रख्यात शास्त्रीय गायिका सुश्री कौशिकी चक्रवर्ती का शास्त्री गायन आयोजित होगा।

रवीन्द्र भवन में टैगोर चिल्ड्रंस पेंटिंग प्रतियोगिता में उमड़ा विद्यार्थियों का सैलाब

पेंटिंग प्रतियोगिता में बच्चों ने उकेरी अपनी कल्पनाएं:  बच्चों में छिपी प्रतिभा निखारने के उद्देश्य से विश्वरंग के तत्वावधान में और गेट सेट पेरेंट चिल्ड्रंस लिटरेचर, आर्ट एंड म्यूजिक फेस्टिवल के अंतर्गत स्कूली विद्यार्थियों की रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने की सार्थक पहल के तहत कल यानि दिनांक 13 नवम्बर 2022 को  रवीन्द्र भवन में टैगोर चिल्ड्रंस पेंटिंग कॉम्पीटिशन का भव्य आयोजन हुआ। जिसमें सरकारी, प्राइवेट एवं पब्लिक स्कूलों के लगभग 2000 से अधिक बच्चों ने भाग लिया। प्रतियोगिता तीन कैटेगरी में आयोजित हुई। जिसमें कक्षा 6से 8, कक्षा 9-10 और कक्षा 11-12 के छात्र शामिल हुए। इस मौके पर विश्व रंग के निदेशक श्री संतोष चौबे, प्रख्यात चित्रकार श्री अशोक भौमिक जी, विश्वरंग के सह निदेशक श्री लीलाधर मंडलोई जी, सह निदेशक डॉ सिद्धार्थ चतुर्वेदी जी, सह निदेशक डॉ अदिति चतुर्वेदी वत्स और आरएनटीयू के कुलसचिव डॉ विजय सिंह विशेष रुप से बच्चों का उत्साहवर्धन करते नजर आए।

इस अवसर पर श्री संतोष चौबे जी ने कहा की इस तरह की प्रतियोगिताओं में भाग लेने से बच्चों में कलात्मक व मानसिक विकास होता है। इसलिए बच्चों को अपनी रूचि अनुसार इस तरह की प्रतियोगिताओं में भाग लेना चाहिए। प्रतियोगिताओं में भाग लेने से बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है। इस दौरान उन्होंने छोटे-छोटे बच्चों की अच्छी चित्रकारी देखकर उनके अभिभावकों से बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित भी किया।

कल  रवीन्द्र भवन का माहौल देखते ही बन रहा था। विद्यार्थियों ने अपनी कल्पनाओं को पेंटिंग सीट पर उकेरा और उनमें रंगों के माध्यम से अपनी प्रतिभा दिखाई। किसी बच्चे ने मधुबनी आर्ट तो किसी बच्चे ने राधा कृष्ण, काली माता, तो किसी बच्चे ने भारत सरकार द्वारा मध्य प्रदेश की धरती पर लाए गए चीते, तो किसी बच्चे ने जंगल में सूर्यास्त के समय को सुनहरे रंगों के माध्यम से दिखाया, तो किसी बच्चे ने बुद्ध से प्रेरित होकर उनके धर्म, अनुशासन, चरित्र और ज्ञान का संदेश देते हुए बुद्ध की पेंटिंग बनाई, तो किसी बच्चे ने महारानी लक्ष्मी बाई, वीर शिवाजी, तो किसी बच्चे ने भारतीय महिला को सशक्त प्रदर्शित करते हुए कूची चलाई।

कल  हुई प्रतियोगिता में से चयनित 500 विद्यार्थियों की पेंटिंग विश्व रंग में प्रदर्शित की जाएगी। पेंटिंग वर्कशॉप में 100 चुनिंदा बच्चों के लिए विश्वरंग के दौरान ही 18 नवंबर को वर्कशॉप आयोजित कर उन्हें अपनी प्रतिभा को और निखारने का सुनहरा अवसर प्रदान किया जाएगा। और तीनों कैटेगरी के प्रथम द्वितीय तृतीय विजेताओं को विश्व रंग के दौरान ही पुरस्कृत भी किया जाएगा।

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