डॉ. रेड्डीज लैब ने भारत में कोरोना का 10 करोड़ टीका बेचने के लिए रूसी निर्माता RDIF से करार किया
अपडेटेड 16 सितंबर 2020,
डॉ. रेड्डीज लैब ने भारत में कोरोना का 10 करोड़ टीका बेचने के लिए रूसी निर्माता रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (RDIF) से करार किया है. यह टीका नवंबर तक भारत में आ सकता है. इस खबर के आने के बाद बीएसई पर डॉ. रेड्डीज का शेयर 181 रुपये की मजबूती के साथ 4624.45 पर पहुंच गया.
खबर के अनुसार RDIF ने रूस के स्पुतनिक वी वैक्सीन के भारत में क्लिनिकल ट्रायल और वितरण के लिए Dr. Reddy’s लेबारेटरीज से समझौता किया है. समझौते के अनुसार रूसी कंपनी भारत में Dr. Reddy’s को 10 करोड़ टीके की आपूर्ति करेगी.
RDIF के सीईओ किरिल डिमिट्रिव ने एक बयान में बताया कि ट्रायल सफल रहा तो यह टीका नवंबर तक भारत में उपलब्ध हो जाएगा. उन्होंने कहा कि डॉ. रेड्डीज की रूस में करीब 25 साल से कारोबारी मौजूदगी है और वह भारत की प्रमुख कंपनी है.
उन्होंने दावा किया कि ह्यूमन एडीनोवायरस ड्यूल वेक्टर प्लेटफॉर्म पर आधारित रूसी टीका भारत में कोविड-19 से सुरक्षित लड़ाई में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि ह्यूमन एडीनोवायरस ड्यूल वेक्टर प्लेटफॉर्म का करीब रूस में पिछले एक दशक में करीब 250 क्लीनिकल ट्रायल किया गया है और इसका कोई भी संभावित नेगेटिव नतीजा नहीं देखा गया है.
भारत में होगा फेज 3 का परीक्षण
Dr. Reddy’s के मैनेजिंग डायरेक्टर जीवी प्रसाद ने कहा, ‘इस टीके का फेज 1 और फेज 2 का परीक्षण सफल रहा है और अब इसके तीसरे फेज का परीक्षण हम भारत में करेंगे, ताकि जरूरी नियामक शर्तों को पूरा किया जा सके.’
गौरतलब है कि रूस में 11 अगस्त को दुनिया में पहला कोरोना टीका लॉन्च किया गया था जिसका नाम स्पुतनिक वैक्सीन रखा गया. इस टीके का सिर्फ फेज 1 और फेज 2 का परीक्षण किया गया था.