CAA: माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्य नडेला ने कहा, ‘भारत में जो हो रहा है वह दुखद, शरणार्थियों को भी मिले सम्मान’
Updated: 14 Jan 2020,
नई दिल्ली: देशभर में नागरिकता संशोधन कानून लागू हो गया है लेकिन अभी भी इसको लेकर कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है. अब नागरिकता कानून पर माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने देश के मौजूदा हालात पर दुख जाहिर किया है.
दरअसल नडेला CAA को लेकर BuzzFeed editor-in-chief बेन स्मिथ द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि जो कुछ हो रहा है वह दुखद है. यह सिर्फ बुरा है. मुझे एक बांग्लादेशी आप्रवासी देखना पसंद आएगा जो भारत आता है और अपने सक्रिय योगदान से इन्फोसिस का अगला सीईओ बनता है.”
रामचंद्र गुहा ने किया स्वागत
मशहूर इंतिहासकार रामचंद्र गुहा ने सत्य नडेला के इस बयान का स्वागत करते हुए खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा, ” ‘मैं खुश हूं कि सत्य नडेला ने वो कहा जो वो महसूस करते थे. मैं चाहता हूं कि हमारे अपने आईटी सेक्टर के लोगों में वह कहने का साहस हो जो वह सोचते हैं.”
बता दें रामचंद्र गुहा उन लोगों में हैं जो लगातार इस कानून का विरोध कर रहे हैं. इसी कारण पिछले महीने उन्हें बेंगलोर में गिरफ्तार भी किया गया था.
दरअसल गूगल, उबर, अमेजन और फेसबुक जैसे दिग्गज तकनीकी कंपनियों में कार्यरत 150 से अधिक भारतीय मूल के पेशेवरों ने इस कानून के खिलाफ आवाज बुलंद की है. उन्होंने CAA और NRC के खिलाफ खुला पत्र लिखकर इसे फांसीवाद करार दिया है. बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) 2019, अब 10 जनवरी से ही पूरे देश में लागू हो गया है. केंद्र सरकार ने इसे लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. हालांकि इसका देश में कई जगहों पर विरोध हो रहा है.
क्या है नागरिकता संशोधन कानून?
भारत देश का नागरिक कौन है, इसकी परिभाषा के लिए साल 1955 में एक कानून बनाया गया जिसे ‘नागरिकता अधिनियम 1955’ नाम दिया गया. मोदी सरकार ने इसी कानून में संशोधन किया है जिसे ‘नागरिकता संशोधन बिल 2016’ नाम दिया गया है. पहले ‘नागरिकता अधिनियम 1955’ के मुताबिक, वैध दस्तावेज होने पर ही लोगों को 11 साल के बाद भारत की नागरिकता मिल सकती थी.
इस कानून के लागू होने के बाद अब अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी यानी हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी. मतलब 31 दिसंबर 2014 के पहले या इस तिथि तक भारत में प्रवेश करने वाले नागरिकता के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे. नागरिकता पिछली तिथि से लागू होगी.