May 12, 2025

कौन हैं सायन लाहिड़ी ? ऐसा ‘मामूली आदमी’, जिसकी एक आवाज पर हिल गई ममता बनर्जी की कुर्सी

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Last Updated: Aug 31, 2024,

Sayan Lahiri Calcutta HC Grants Bail: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद निर्मम हत्या की घटना से बंगाल समेत पूरे देश के लोगों में गुस्‍सा है. ममता बनर्जी के इस्तीफे और बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू की मांग हो रही है, लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाएं भी सामने आ रही हैं, इसी बीच सायन लाहिड़ी के नाम की चर्चा पूरे बंगाल में होती है, उसे बंगाल पुलिस 27 अगस्त को गिरफ्तार करती है, 30 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट “मामूली व्यक्ति” मानते हुए जमानत दे देती है और पुलिस को बिना अनुमति के उनके खिलाफ कार्रवाई करने से बचने का आदेश देती है.

आखिर यह कौन ‘मामूली आदमी’ है, जिसे बंगााल पुलिस गिरफ्तार करती है, और जेल में डाल देती है. आखिर इस मामूली आदमी की आवाज पर कैसे बंगाल में जनसैलाब उमड़ आता है, बंगाल की सीएम को अपनी कुर्सी खतरे में दिखने लगती है, आइए जानते हैं सबकुछ.

सायन लाहिड़ी को मिली जमानत
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पश्चिम बंग छात्र समाज के नेता सायन लाहिड़ी को जमानत दे दी. लाहिड़ी के बारे में दावा किया गया है कि वह 27 अगस्त को यहां आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के कथित बलात्कार और हत्या के विरोध में राज्य सचिवालय ‘नबान्न’ तक आयोजित रैली के आयोजकों में से एक थे.

बंगाल में निकाली थी रैली
पश्चिम बंग छात्र समाज उन दो संगठनों में से एक था, जिन्होंने ‘नबान्न अभिजन’ का आह्वान किया था. लाहिड़ी को 27 अगस्त की शाम को रैली का नेतृत्व करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने बताया कि रैली में हिंसा हुई थी, जिसमें सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया तथा पुलिस अधिकारियों पर हमले किए गए. संभावित हिंसा की चिंताओं के कारण राज्य पुलिस ने इसे अवैध करार दिया. इसके बावजूद रैली निकाली गई. बवाल हुआ, लाठीचार्ज हुआ और आंसू गैस के गोले छोड़े गए. अभियान को लीड करने वाले पश्चिमबंगा छात्र समाज के सायन लाहिड़ी को गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद सायन लाहिड़ी चर्चा में आ गए थे.

पुलिस की चेतावनी के बाद भी 27 अगस्त को निकाली रैली
सायन लाहिड़ी बंगाल में एक संगठन के प्रवक्ता हैं. उस संगठन का नाम है पश्चिमबंगा छात्र समाज. एक अपंजीकृत छात्र समूह खुद को गैर-राजनीतिक बताता है. उन्होंने ही नबन्ना मार्च आयोजित करने को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और ज्यादा से ज्यादा लोगों से इसका हिस्सा बनने की अपील की थी.  सायन ने कहा था कि रैली का आयोजन किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल से संबद्ध नहीं है. यह एक मंच ही आयोजित कर रहा है.

कितना पड़ा लिखा हैं सायन लाहिड़ी ?
सायन लाहिड़ी ने रवींद्र मुक्ता विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है. उसके बाद रीजेंट एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन में पढ़े हैं. वह प्रणबानंद विद्या मंदिर के पूर्व प्रिंसीपल रह चुके हैं. इसके अलावा EFEDRA PHARMACUTICAL PVT.LTD में पूर्व बिजनेस डिवेलपमेंट ऑफिसर भी रहे हैं. उससे पहले वह सिपला में काम करते थे.

देवोलीन रॉय से की शादी
मीडिया रिपोर्ट के हवाले से सायन लाहिड़ी देवोलीना रॉय नाम की युवती के साथ ओपन रिलेशन में हैं. सोशल मीडिया पर इन दोनों की प्रोफाइल सर्च करने पर कई सारी पोस्ट दिखीं, देवलीना सायन लाहिड़ी के साथ कई रोमांटिक तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट हैं. इसके साथ ही इन दोनों की सोशल मीडिया वॉल पर कोलकाता रेप केस के बाद हो रहे प्रदर्शन के कई सारे वीडियो, फोटो पोस्ट है.

अदालत ने बताया ‘मामूली आदमी’ दे दी जमानत
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंग छात्र समाज के नेता को “मामूली व्यक्ति” मानते हुए जमानत दे दी और पुलिस को बिना अनुमति के उनके खिलाफ कार्रवाई करने से बचने का आदेश दिया. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने कहा कि आरजी कर घटना के बाद व्यापक न्याय की मांग में लाहिड़ी “मामूली व्यक्ति” प्रतीत होते हैं, जिनके पास कोई महत्वपूर्ण शक्ति या प्रभाव नहीं है. न्यायपालिका में जनता के विश्वास को बनाए रखने के लिए, उन्होंने फैसला सुनाया कि उन्हें जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए. अदालत ने शनिवार को दोपहर 2 बजे तक उनकी रिहाई का आदेश दिया है.

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पुलिस को छात्र समाज के नेता के खिलाफ कार्रवाई करने से रोका
न्यायमूर्ति सिन्हा ने पुलिस को इस मामले या उसके खिलाफ दायर किए गए या किए जा सकने वाले किसी अन्य मामले से संबंधित लाहिड़ी के खिलाफ अदालत की अनुमति के बिना कोई भी कठोर कार्रवाई करने से भी रोक दिया है. अपने फैसले में न्यायमूर्ति सिन्हा ने कहा कि पश्चिम बंग छात्र समाज का कोई कानूनी दर्जा नहीं है और यह छात्रों के बीच बना एक आजाद समूह है, जिसे कोलकाता रेप केस घटना से नाराज व्यापक जनता का समर्थन प्राप्त है. उन्होंने बताया कि घटना से संबंधित विरोध पूरे समाज और पूरे देश में फैल गया है.

कोर्ट ने माना रेप केस के बाद इस संगठन का आया अस्तिव
पीटीआई के मुताबिक अदालत ने कहा, “अगर आरजी कर घटना नहीं हुई होती, तो पश्चिम बंग छात्र समाज का अस्तित्व नहीं होता” यह सच है कि कई लोग विरोध रैली में शामिल हुए और प्रदर्शनकारियों ने सभी बाधाओं और सीमाओं को तोड़ दिया. हालांकि, जमानत याचिका का विरोध करते हुए राज्य के वकील किशोर दत्ता ने तर्क दिया कि लाहिड़ी ने भड़काऊ भाषण दिए जिससे प्रदर्शनकारियों को उकसाया गया, जिससे 27 अगस्त को शहर में कानून और व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ गई.  न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने कहा कि न्यायपालिका में जनता का विश्वास बनाए रखने और उसे बहाल करने के लिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए.

लाहिड़ी की मां ने जमानत की लगाई थी याचिका
लाहिड़ी की मां अंजलि ने अपने बेटे की जमानत और उनके खिलाफ कार्यवाही रद्द करने के अनुरोध संबंधी याचिका हाईकोर्ट में डाली थी. जिसपर सुनवाई के बाद आज शनिवार दो बजे तक जमानत देने की बात कही गई है.

 

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