अल-शबाब: सोमालिया के होटल में हमला करने वाला आतंकी संगठन चाहता क्या है ?

अंतर्राष्‍ट्रीय, मुख्य समाचार

Updated: 20 Aug 2022

सोमालिया की राजधानी मोगादिशु में शुक्रवार की देर रात होटल हयात में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी इस्लामी आतंकवादी समूह अल-शबाब ने ली है. मुंबई के ताज होटल के किए गए हमले की तरह ही आतंकियों ने इस घटना को अंजाम दिया. आतंकियों ने पहले होटल के बाहर खड़ी दो कार में बम विस्फोट किया और हयात होटल में घुसकर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. इस घटना में 12 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग घायल हैं.

इस हमले में मोगादिशु के खुफिया प्रमुख मुहीदीन मोहम्मद भी घायल हुए हैं. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार माना जा रहा है कि वो आतंकियों का मुख्य टारगेट हो सकते हैं. कारण कि आतंकी संगठन का मकसद ही सोमालिया सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकना है.

कौन है अल-शबाब का सरगना?

अल-शबाब, सोमालिया का एक इस्लामिक आतंकी संगठन है, जो वर्ष 2006 में अस्तित्व में आया.अल शबाब का पूरा नाम हरकत अल-शाबाब अल-मुजाहिद्दीन है. अल शबाब अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है ‘युवावस्था या तरक्की का दौर’.

इसके सरगना का नाम अहमद उमर है. 2014 से इस संगठन की कमान उमर के ही हाथ में है. यह आतंकी संगठन मुख्यत: सोमालिया के अलावा इथियोपिया और केन्या में सक्रिय है और इसका नेटवर्क, अफ्रीका से निकलकर यूरोप और अमेरिका तक फैला है.

कैसे पैदा हुआ आतंकी संगठन अब-शबाब?

अल-सबाब वहाबी इस्लाम को मानता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस आतंकी संगठन का उद्देश्य सोमालिया की उस सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकना है, जो 2017 में बनी है. अमेरिका ने 2008 में अल शबाब को आतंकी संगठन घोषित किया था. वर्ष 2012 में अलकायदा में इसका विलय हो गया था

बात करें इसके गठन की तो इसकी कहानी शुरू होती है, 2006 से. मोगादिशू शहर तब यूनियन ऑफ इस्लामिक कोर्ट्स के कब्जे में था. यह शरिया अदालतों का एक संगठन हुआ करता था, जिसका मुखिया शरीफ शेख अहमद था. वर्ष 2006 में इथियोपिया की सेना ने यूनियन ऑफ इस्लामिक कोर्ट्स को हरा दिया और तब आतंकी संगठन अल शबाब का जन्म हुआ. यह यूनियन ऑफ इस्लामिक कोर्ट्स का ही एक कट्टरपंथी ब्रांच है.

कितना खूंखार है संगठन?

अल-शबाब की गिनती दुनिया के खतरनाक आतंकी संगठन में होती है. इसका नाता पाकिस्तानी आतंकी संगठन अलकायदा, नाइजीरिया के बोको हरम और आईएआईएस (ISIS) जैसे आतंकी सगठनों के साथ है. इस संगठन में खूंखार और खतरनाक आतंकवादी शामिल हैं. इसके कई आतंकियों पर करोड़ों डॉलर का ईनाम घोषित है. ये ऐसे आतंकी हैं, जो आत्मघाती हमलों को भी अंजाम देने के लिए तैयार रहते हैं. यानी इन्हें फर्क नहीं पड़ता कि हमले में इनकी जान चली जाए. अपने मकसद के लिए ये किसी भी हद तक गुजरने को तैयार होते हैं.

अल-शबाब के बड़े आतंकी हमले

आतंकी संगठन अल-शबाब सोमालिया, केन्या, युगांडा और जिबूती आदि देशों में हमले कर चुका है. यह संगठन आत्मघाती हमले, गुरिल्ला अटैक और अन्य तरीकों से वारदातों को अंजाम देता है. अब तक किए गए बड़े हमलों में यह संगठन सैकड़ों लोगों की जानें ले चुका है.

2015: केन्या की यूनिवर्सिटी पर हमला. 148 छात्रों की मौत.

2016: केन्या के सैन्य शिविर पर हमला. 180 सैनिकों की मौत.

2017: मोगादिशू शहर में ब्लास्ट. हमले में 275 लोगों की मौत.

अमेरिका समर्थित सरकार का विरोध

1991 में सईद बर्रे की सरकार के पतन के बाद से ही सोमालिया लगातार स्थिर सरकार के लिए संघर्षरत है. 2004 के बाद से सोमालिया में ट्रांजिशनल फेडरेशन की गवर्नमेंट है. इसे अमेरिका का समर्थन प्राप्त है. 2006 की शुरुआत में सोमाली इस्लामिक कोर्ट काउंसिल ने दक्षिणी सोमालिया के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया था. अल शबाब इसी काउंसिल का चरमपंथी ग्रुप है, जिसने 2006 से ही सोमालिया की अमेरिका समर्थित अस्थिर सरकार के खिलाफ जंग छेड़ रखा है.

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