मध्यप्रदेश : इंदौर में सुमित्रा महाजन को खुली चुनौती, अपने ही हुए खिलाफ

Lok Sabha Speaker Sumitra Mahajan during inauguration of an exhibition on 2 years achievements of Modi government, in New Delhi on Sunday. Express Photo by Prem Nath Pandey. 05.06.2016. *** Local Caption *** Lok Sabha Speaker Sumitra Mahajan during inauguration of an exhibition on 2 years achievements of Modi government, in New Delhi on Sunday. Express Photo by Prem Nath Pandey. 05.06.2016.
Updated Sun, 17 Mar 2019 ,
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन गुजरे 30 सालों के दौरान हुए आठ संसदीय चुनावों में मध्यप्रदेश के इंदौर क्षेत्र में निरंतर अजेय रही हैं लेकिन ताई के नाम से मशहूर इस 75 वर्षीय भाजपा नेता की चुनावी दावेदारी को इस बार विपक्षी कांग्रेस के साथ अपनी ही पार्टी के एक स्थानीय धड़े से भी खुली चुनौती मिल रही है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने रविवार को कहा, इंदौर के प्रगतिशील मतदाताओं को लोकसभा में नये नुमाइंदे की दरकार है, क्योंकि बतौर क्षेत्रीय सांसद महाजन अपनी भूमिका निभाने में घोर असफल रही हैं, उन्हें वक्त की नजाकत समझते हुए चुनावी सियासत से जल्द से जल्द संन्यास ले लेना चाहिये।
उन्होंने आसन्न लोकसभा चुनावों में इंदौर से कांग्रेस की जीत का दावा करते हुए कहा, महाजन ने गुजरे पांच सालों में इंदौर रेलवे स्टेशन पर चंद नयी ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने और सरकारी चिट्ठियां लिखने के अलावा क्षेत्र के लोगों के लिये कुछ भी नहीं किया है। महाजन को लेकर कांग्रेस के आरोपों को भाजपा ने अपने धुर विरोधी दल की हताशा करार देते हुए खारिज किया है। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता उमेश शर्मा ने कहा, इंदौर लोकसभा क्षेत्र के विकास के मामले में महाजन बतौर सांसद तमाम पैमानों पर खरी उतरी हैं। यही वजह है कि मतदाता उन्हें वर्ष 1989 से लगातार चुनकर लोकसभा भेज रहे है।
उन्होंने कहा, “इंदौर लोकसभा क्षेत्र के चुनावों में पिछले 30 साल से महाजन के कारण हार रही कांग्रेस बुरी तरह हताश है। इसलिये वह चुनावी बेला में उन्हें लेकर अनर्गल बयानबाजी कर रही है। दोनों प्रमुख दलों-भाजपा और कांग्रेस ने फिलहाल इंदौर सीट पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। इस क्षेत्र में 19 मई को लोकसभा चुनावों का मतदान होना है। बहरहाल, राज्य के वरिष्ठतम भाजपा नेताओं में शुमार होने वाले सत्यनारायण सत्तन (79) घोषणा कर चुके हैं कि अगर पार्टी ने महाजन को लगातार नौवीं बार इंदौर से चुनावी टिकट दिया, तो खुद उन्हें उनके खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मजबूरन मोर्चा संभालना पड़ेगा।
हिन्दी के मंचीय कवि के रूप में भी ख्याति रखने वाले भाजपा नेता ने कहा, बतौर क्षेत्रीय सांसद महाजन की भूमिका को लेकर अधिकतर भाजपा कार्यकर्ता भी प्रसन्न नहीं हैं, क्योंकि गुजरे पांच सालों में उनसे उनका संपर्क लगभग शून्य रहा है। इंदौर से लगातार आठ बार सांसद चुनी जाने के बावजूद महाजन ने आखिर ऐसा कौन-सा काम किया है, जिसके कारण उन्हें याद रखा जाये?
खुद को पार्टी का शुभचिंतक बताने वाले सत्तन का सुझाव है कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, भाजपा के स्थानीय विधायक रमेश मैंदोला, पार्टी की एक अन्य क्षेत्रीय विधायक उषा ठाकुर या शहर की महापौर मालिनी लक्ष्मणसिंह गौड़ में से किसी नेता को इस बार इंदौर से भाजपा का चुनावी टिकट दिया जाये।
हाल के दिनों में इंदौर में महाजन की सक्रियता में इजाफे से संकेत मिलते हैं कि वह अपने परंपरागत निर्वाचन क्षेत्र से एक बार फिर चुनाव लड़ने का दावा पेश कर रही हैं। हालांकि, मीडिया के सामने वह दोहराती रही हैं कि भाजपा में संगठन ही तय करता है कि उसका कौन नेता चुनाव लड़ेगा और कौन नहीं। महाजन की चुनावी दावेदारी को लेकर सत्तन की खुली आपत्ति पर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता उमेश शर्मा ने कहा, सत्तन जनसंघ के जमाने से हमारे बड़े नेता रहे हैं। मुझे लगता है कि हम (महाजन को लेकर) उनकी नाराजगी खत्म करने में सफल रहेंगे और वह आसन्न लोकसभा चुनावों में इंदौर के प्रत्याशी चयन के मामले में पार्टी के भावी निर्णय के साथ खड़े रहेंगे।
महाजन ने वर्ष 2014 में 16वीं लोकसभा के चुनावों में इंदौर क्षेत्र से जब जीत दर्ज की थी, तब वह एक ही सीट और एक ही पार्टी के टिकट पर लगातार आठ बार लोकसभा पहुंचने वाली देश की पहली महिला सांसद बन गयी थीं। मूलतः महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाली महाजन वर्ष 1965 में विवाह के बाद अपने ससुराल इंदौर में बस गयी थीं। वह वर्ष 1989 में इंदौर लोकसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ी थीं, तब उन्होंने अपने तत्कालीन मुख्य प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रकाशचंद्र सेठी को हराया था।