April 19, 2025

जानिए वो कौनसा देश हे जिसने नहीं बंद किए स्कूल, जिम और बार, फिर भी कंट्रोल किया कोरोना

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LAST UPDATED: APRIL 20, 2020,

स्टॉकहोम. स्वीडन (Sweden) ने कोरोना संक्रमण (Coronavirus) से निपटने के लिए लॉकडाउन का फ़ॉर्मूला अपनाने से इनकार कर दिया था जिसके बाद उसकी इस नीति की वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) समेत कई संगठनों और और देशों ने आलोचना की थी. स्वीडन की सरकार ने देश की जनता से सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करने का आग्रह किया था. अब स्वीडन के टॉप एपिडेमियोलॉजिस्ट ने दावा किया है कि ये नीति सफल रही है और कोरोना संक्रमण (Covid19) अब कंट्रोल में है.

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक आंद्रेस टेगनेल ने ही स्वीडन सरकार को लॉकडाउन की जगह सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर देने की सलाह दी थी. कोरोना के प्रति स्वीडन के दुनिया से काफी अलग नीति का श्रेय भी उन्हों को ही जाता है. अब कोरोना संक्रमण के नए मामलों में आई गिरावट और मौतों का स्थिर होना ये बताता है कि ये नीति काम भी कर रही है. टेगनेल के मुताबिक स्वीडन अब उस मोड़ पर है जहां से वो इसे कंट्रोल करने की स्तिथि में पहुंच गया है.

स्वीडन में खुले हैं स्कूल, जिम और रेस्टोरेंट्स
स्वीडन ने दुनिया भर में कोरोना संक्रमण फैलने के बावजूद भी स्कूल, जिम, कैफे, बार्स और रेस्टोरेंट्स कभी बंद नहीं किये. इसके विपरीत सरकार बार-बार नागरिकों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का आग्रह करती रही. स्वीडन ने अब न सिर्फ कोरोना पर काफी हद तक काबू पा लिया है बल्कि उसे लॉकडाउन के चलते होने वाला आर्थिक नुकसान भी नहीं उठाना पड़ा है. हालांकि स्वीडन के पास दुनिया का सबसे बेहतरीन हेल्थ केयर सिस्टम मौजूद है, ऐसे में उसे ये रिस्क लेने के लिए बाकी देशों की तरह सोचना भी नहीं पड़ा.

स्वीडन में भी हुईं हैं 1500 से ज्यादा मौत
बता दें कि स्वीडन में अभी तक 14000 से ज्यादा कोरोना संक्रमण के केस सामने आए हैं और 1540 लोगों की इससे मृत्यु हो गयी है. रविवार को भी यहां 500 से ज्यादा नए केस सामने आए हैं. टेगनेल के मुताबिक स्वीडन ने कोरोना संक्रमण का चरम पार कर लिया है और अब मामले घटना शुरू हो गए हैं. उन्होंने आगे बताया कि अब जो ट्रेंड सामने आ रहे हैं उनके मुताबिक ये स्थिरता धीरे-धीरे गिरावट में तब्दील हो जाएगी. स्वीडन पब्लिक हेल्थ अथोरिटी के डिपार्टमेंट ऑफ़ माइक्रोबायोलॉजी के चीफ केरिन टेगमार्क विसेल भी मानते हैं कि अब मामले घटने शुरू हो गए हैं और ये बेहद अच्छा संकेत है. उन्होंने बताया कि ICU में भी मरीजों की संख्या घटने लगी है.

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