द केरला स्टोरी पर बैन ‘अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला’ : बंगाल सरकार पर भड़के IFTDA चीफ अशोक पंडित

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मुंबई. भारतीय फिल्म और टेलीविजन निर्देशक संघ (आईएफटीडीए) के अध्यक्ष अशोक पंडित ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ पर प्रतिबंध लगाने की निंदा की है. फिल्म निर्माता ने मंगलवार को कहा, ‘मैं बंगाल सरकार के इस कदम की निंदा करता हूं. यह एक फिल्मकार की अभिव्यक्ति की आजादी पर बड़ा हमला है. यह पूरे देश को गलत संदेश भेज रहा है.’

अशोक पंडित ने आगे कहा, ‘हम फिल्म बनाने वाले के साथ हैं. यह फिल्म ठीक उसी तरह से है, जैसे कि उड़ता पंजाब और पद्मावत.’ उन्होंने कहा, जिस फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने पास किया, उसे बैन नहीं किया जा सकता. इसलिए हम बंगाल सरकार से अपील करते हैं कि वे फिल्म पर प्रतिबंध का निर्णय वापस लें.’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विवादास्पद फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ के प्रदर्शन पर तत्काल रोक लगाने का सोमवार को आदेश दिया था, ताकि ‘नफरत और हिंसा की किसी भी घटना’ को टाला जा सके. एक अधिकारी ने बताया कि बंगाल में फिल्म का प्रदर्शन करने वाले किसी भी सिनेमाघर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

बनर्जी ने आरोप लगाया कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ समाज के एक वर्ग को अपमानित करने के लिए बनाई गई थी, जबकि ‘द केरला स्टोरी’ का उद्देश्य केरल को बदनाम करना है. बनर्जी ने आरोप लगाया कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) भाजपा के साथ मिलकर काम कर रही है और इसलिए केरल में सत्ता में रहते हुए भी उसने फिल्म के प्रदर्शन का विरोध नहीं किया.

अदा शर्मा अभिनीत फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ की कहानी महिलाओं के एक ऐसे कथित समूह के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन्हें धर्म परिवर्तन के लिए और आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है. इस फिल्म को लेकर विवाद भी हो रहा है और इसे नफरत फैलाने का जरिया बताया जा रहा है.

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