September 11, 2025

MP की इस सीट पर 40 साल का टूटा वोटिंग रिकॉर्ड, यहां कुछ भी हो सकता है

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ग्वालियर. मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल में मतदान के बाद अब जीत हार के कयास लगाए जा रहे हैं. यहां 40 साल बाद रिकॉर्ड तोड़ मतदान हुआ है. बीजेपी ने इसे मोदी सरकार की लोकप्रियता बताया. बीजेपी ने इस मतदान को लेकर अपनी जीत का दावा किया है. दूसरी ओर, कांग्रेस का दावा है कि लोगों ने सरकार के खिलाफ उसे वोट दिया है. यही वजह है कि ग्वालियर चंबल की चार में से तीन सीटें कांग्रेस जीतेगी. ग्वालियर लोकसभा सीट के संसदीय क्षेत्र में कुल 62.13 प्रतिशत वोटिंग हुई है. मुरैना लोकसभा सीट पर 58.22 प्रतिशत, भिंड लोकसभा सीट पर 54.87 प्रतिशत और गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट पर 71.53 प्रतिशत मतदान हुआ है.

इन सीटों पर तगड़ा मुकाबला
साल 2019 के चुनाव में बीजेपी ने ग्वालियर-चंबल इलाके की ग्वालियर, गुना, भिंड, मुरैना पर कब्जा जमाया था. इस बार इनमें से केवल एक सीट गुना को छोड़ दिया जाए, तो बाकी पर बीजेपी- कांग्रेस के बीच तगड़ा मुकाबला  है. हांलकि बीजेपी प्रत्याशी वोट प्रतिशत बढ़ने से खुश है. ग्वालियर के बीजेपी प्रत्याशी भरत सिंह कुशवाह कहते हैं कि लोगों ने पीएम मोदी की योजनाओं और नीतियों को पंसद किया है. कांग्रेस को भुलावे में नहीं रहना चाहिए.

कांग्रेस कर रही अपनी जीत का दावा
उधर, कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने मतदान प्रतिशत बढ़ने को पार्टी के लिए बेहतर संकेत बताया है. उनका दावा है कि जनता ने बीजेपी सरकार को विदा करने के लिए बढ़-चढ़कर वोट दिया है.  ग्वालियर, भिंड व मुरैना में बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे और केंद्र सरकार की योजनाओं के आधार पर चुनाव प्रचार किया है. तो, वहीं कांग्रेस ने सभी सीटों पर बीजेपी प्रत्याशी को मुद्दा बनाकर प्रचार किया है. इनके अलावा, तीनों सीट पर कांग्रेस छोड़कर उम्मीदवार बीएसपी से भी चुनाव लड़ रहे हैं. लिहाजा बीएसपी फैक्टर भी चुनाव नतीजों पर असर डालेगा. लेकिन कांग्रेस के विधायक सतीश सिकरवार कह रहे हैं कि ग्वालियर चंबल अंचल की 3 सीटों पर कांग्रेस गांरटी के साथ जीत रही है.

जनता ने अगर प्रत्याशियों के चेहरे देखकर मतदान किया होगा तो ग्वालियर, मुरैना में कांग्रेस की स्थिति है, जबकि भिंड में बीजेपी का पलड़ा भारी है. जनता ने अगर मोदी वर्सेस कांग्रेस प्रत्याशी के आधार पर वोट दिया होगा तो ग्वालियर, भिंड में बीजेपी का पलड़ा भारी होगा, जबकि मुरैना में कांटे की टक्कर होगी. अगर जनता ने विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे के आधार पर मतदान किया होगा तो कांग्रेस का पलड़ा भारी होगा. तीन लोकसभा सीटों पर बीजेपी के पास 11 और कांग्रेस के पास 13 विधायक हैं.

इन सीटों पर तगड़ा मुकाबला
साल 2019 के चुनाव में बीजेपी ने ग्वालियर-चंबल इलाके की ग्वालियर, गुना, भिंड, मुरैना पर कब्जा जमाया था. इस बार इनमें से केवल एक सीट गुना को छोड़ दिया जाए, तो बाकी पर बीजेपी- कांग्रेस के बीच तगड़ा मुकाबला  है. हांलकि बीजेपी प्रत्याशी वोट प्रतिशत बढ़ने से खुश है. ग्वालियर के बीजेपी प्रत्याशी भरत सिंह कुशवाह कहते हैं कि लोगों ने पीएम मोदी की योजनाओं और नीतियों को पंसद किया है. कांग्रेस को भुलावे में नहीं रहना चाहिए.

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