मध्य प्रदेश को दो दिन और करना होगा बारिश का इंतज़ार

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LAST UPDATED: AUGUST 7, 2020,

भोपाल. मानसून (Monsoon) का आधा सीजन बीत चुका है, लेकिन मध्य प्रदेश में बारिश (Rain) का कोटा अब तक आधा भी नहीं हुआ. जून में रफ्तार दिखाने के बाद जुलाई में मानसून गायब रहा. ग्वालियर-चंबल अंचल (Gwalior-Chambal) तो पूरी तरह सूखा रहा. बारिश न होने से किसान परेशान हैं, क्योंकि सोयाबीन की फसलों को नुकसान होने की आशंका बढ़ गई है. मौसम विभाग अब कह रहा है कि 9 अगस्त तक एक नया सिस्टम प्रदेश में बारिश ला सकता है.

मध्य प्रदेश में जुलाई महीने का सूखा अगस्त में आकर ख़त्म तो हुआ, लेकिन उम्मीद के मुताबिक अब भी बादल नहीं बरसे. अब अगली उम्मीद मौसम विभाग के उस पूर्वानुमान से है जो बता रहा है कि 9 अगस्त तक एक कम दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में बन सकता है. उसके बाद प्रदेश में अच्छी बारिश होने के आसार हैं.

नया सिस्टम लाएगा बरखा बहार
एक सिस्टम प्रदेश के दक्षिण पश्चिमी हिस्से के ऊपर बना हुआ था, जिसके शुक्रवार तक गुजरात निकल जाने का अनुमान है. इससे अगले 24 घंटों में गुजरात से लगे प्रदेश के दक्षिण पश्चिमी हिस्सों में बारिश की उम्मीद है. उसके बाद एक नया सिस्टम जल्द ही बंगाल की खाड़ी में तैयार हो रहा है. मौसम विभाग कह रहा है कि उससे प्रदेश भर में तेज बारिश होने के आसार हैं.
सुस्त सिस्टम में मानसून भी सुस्त

मौसम विभाग का कहना है कि फिलहाल जो सिस्टम सक्रिय था, उसकी गति बहुत तेज नहीं थी. यही वजह है कि अच्छी बारिश प्रदेश में फिलहाल नहीं हुई है. यह सिस्टम एक ही दिन में प्रदेश को पार कर गया. अब आगे नया सिस्टम 9 अगस्त को बंगाल की खाड़ी में बनने जा रहा है. उम्मीद है कि वो प्रदेश पर मेहरबान होगा और अच्छी बारिश होगी. इस सिस्टम से प्रदेश के उत्तरी हिस्से में बारिश होने का अनुमान है.

ग्वालियर चंबल में सबसे कम बारिश
मध्य प्रदेश में जुलाई महीने में बारिश का कोटा पूरा नहीं हुआ था.इसलिए अब अगली उम्मीद अगस्त महीने पर टिकी हुई हैं. अब तक ग्वालियर चंबल संभाग के कई जिलों में सबसे कम बारिश हुई है. अगले सप्ताह रीवा और ग्वालियर संभाग के जिलों में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है. पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों के अधिकांश जिलों में अगस्त के शुरुआती दिनों में हल्की बारिश होने से थोड़ी सी राहत मिली है.

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