MP: ग्वालियर किला, भोजेश्वर महादेव मंदिर सहित 6 स्थल UNESCO की सूची में शामिल

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Updated at : 15 Mar 2024

MP Latest News: यूनेस्को के विश्व हेरिटेज सेंटर ने भारत की अस्थायी सूची में 6 और स्थालों को शामिल किया है. इसको लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक्स पर पोस्ट कर खुशी जताई है. साथ ही उन्होंने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं भी दी हैं. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि यूनेस्को के विश्व हेरिटेज सेंटर की ओर से भारत की अस्थाई सूची में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से समृद्ध एमपी की 6 संपत्तियों का जोड़ा जाना, हमारे लिए गर्व और सम्मान का विषय है. प्रदेशवासियों को इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं.

प्रेस नोट के माध्यम से दी गई जानकारी
यूनेस्को में भारत के स्थाई प्रतिनिधिमंडल की तरफ से कहा गया है, “हमें बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि भारत के मध्य प्रदेश से छह विरासत संपत्तियों के लिए दस्तावेज प्रस्तुत किए गए हैं. इसमें ग्वालियर किला, धमनार का ऐतिहासिक समूह, भोजेश्वर महादेव मंदिर भोजपुर, चंबल घाटी का रॉक कला स्थल, खूनी भंडारा बुरहानपुर और रामनगर मंडला का गोड स्मारक शामिल हैं.”

प्रतिनिधिमंडल ने आगे बताया, “विश्व धरोहर सम्मेलन के परिचालन दिशानिर्देशों का अनुपालन करता है और उन्हें 14 मार्च 2024 को यूनेस्को के विश्व हेरिटेज सेंटर की ओर से भारत की अस्थायी सूची में जोड़ा गया है. यदि भविष्य में किसी संपति को नामांकित किया जाना है, तो विश्व धरोहर सूची में अंकित करने के लिए अस्थायी सूची में जोड़ना अनिवार्य है.”

बता दें कि खजुराहो, भीम बैठका और सांची के स्तूप विश्व धरोहर स्थलों में शामिल हैं. छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो मंदिर को 1986 में विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया था. रायसेन जिले में स्थित एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल जो शैल चित्रों के लिए प्रसिद्ध है, उसे साल 2003 में विश्व धरोहर में शामिल किया गया था. वहीं सांची के बोद्ध स्तूप को 1989 में विश्व धरोहर में शामिल किया गया था. सम्राट अशोक ने इसका निर्माण करवाया था. इसके अलावा ग्वालियर और ओरछा विश्व धरोहर में शामिल शहर है.

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