जानिए क्या है ‘होशंगाबाद कार्रवाई’ ?

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Updated: 14 दिसम्बर, 2020 ,

भोपाल: भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय कृषि कानूनों पर किसानों को जागरूकता करने के काम में पूरी शिद्दत से जुट गई है. होशंगाबाद जिले के पिपरिया में कांट्रैक्ट फार्मिंग को लेकर नए कानूनों के तहत किसानों को न्याय मिलने की पहली कार्रवाई ने भाजपा और प्रदेश सरकार का उत्साह बढ़ा दिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को सिंगरौली में हवाई पट्टी का वर्चुअल शिलान्यास करने के दौरान कृषि कानूनों पर लंबी बात की. इस कार्यक्रम में सिंगरौली के आम लोग मुख्यमंत्री से जुड़े हुए थे. उन्होंने लोगों होशंगाबाद जिले में कांट्रैक्ट फार्मिंग के तहत किसानों की शिकायत पर हुई कार्रवाई के बारे में बार-बार उदाहरण दिया.

मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कृषि कानूनों को बताया किसान हितैषी
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिपरिया में हुई कार्रवाई साबित करती है कि नए कृषि कानून किसानों के हित में हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, ”कल ही होशंगाबाद के पिपरिया में एक राइस कंपनी ने किसानों से 3000 रुप क्विंटल धान खरीदने का अनुबंध किया था, बोते समय, कि तुम्हारी बासमती धान हम खरीदेंगे. किसानों ने कॉन्ट्रैक्ट कर लिया. बाद में व्यापारी ने आनाकानी की, मोबाइल बंद कर लिया. दिल्ली की कंपनी थी. हमने नए कृषि कानूनों के तहत कार्रवाई की, कंपनी के लोगों को खड़ा होना पड़ा एसडीएम के सामने. तीन हजार क्विंटल के रेट से धान खरीदना पड़ा. यह उदाहरण है कि कैसे नए कृषि कानून किसानों के हित में हैं.”

होशंगाबाद में हुई कार्रवाई को उदाहरण के रूप में पेश करेगी भाजपा
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए कानूनों से किसानों को अपनी उपज का मूल्य निर्धारित करने और उसे किसी को भी बेचने की स्वतंत्रता मिलेगी. इससे किसी को क्या परेशानी है? मंडिया बंद नहीं की जा रही हैं बल्कि हम तो इस दिशा में और सुविधाएं दे रहे हैं. उधर, अब प्रदेश भाजपा ने तय किया है कि किसानों तक तीनों कृषि कानूनों के हर पहलू को पहुंचाया जाएगा. इसके लिए पार्टी के बड़े नेता संभागों में जाकर सम्मेलन करेंगे. भाजपा किसानों से संपर्क अभियान के दौरान होशंगाबाद जिले में हुई कार्रवाई को उदाहरण के तौर पर पेश करेगी.

किसानों तक पहुंचेंगे मुख्यमंत्री शिवराज, भाजपा के नेता और कार्यकर्ता
भाजपा की कोशिश है कि हर किसान तक यह बात पहुंचाई जाए कि कृषि कानून उनके हित में हैं. पार्टी की प्रदेश इकाई ने 14 से 16 दिसंबर तक जनजागरण अभियान चलाने का कार्यक्रम तय किया है. केंद्रीय मंत्रियों, प्रदेश के मुख्यमंत्री, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सहित राज्य सरकार के मंत्रियों और अन्य प्रमुख नेता किसानों के बीच जाएंगे. ये सभी किसानों के बीच कानूनों को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करेंगे और इससे उन्हें होने वाले फायदों के बारे में जानकारी देंगे. मध्य प्रदेश में अब तक कृषि कानूनों को लेकर छिटपुट विरोध ही देखने को मिला है. दिल्ली में हो रहे किसान आंदोलन की आंच प्रदेश तक न पहुंचे इसके लिए भाजपा पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर रही है.

 

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