MP निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका, 2 पूर्व विधायक BJP में शामिल

प्रदेश, मध्य प्रदेश, मुख्य समाचार

Updated: 12 Dec 2020,

भोपाल: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने एमपी दौरे के दौरान कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। नगरीय निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस के 2 पूर्व विधायक प्रताप सिंह मंडलोई और अजय चौरे ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूद रहे हैं।

प्रताप सिंह मंडलोई पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के करीबी रहे हैं। वहीं, अजय चौरे पूर्व सीएम कमलनाथ के करीबी रहे हैं। तत्कालीन सीएम अर्जुन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में चौरे के पिता रेवनाथ चौरे मंत्री थे। मौके पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और सह संगठन महामंत्री हितानंद भी थे। छिंदवाड़ा के सौंसर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक अजय चौरे ने कहा कि कांग्रेस की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ विकास और प्रगति के लिए हमने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है।

वहीं, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि प्रताप मंडलोई का बीजेपी परिवार में स्वागत करता हूं। सीएम ने कहा कि हम सब मिलकर एमपी की प्रगति, उन्नति और जनता के कल्याण के लिए कार्य करेंगे और आत्मनिर्भर एमपी के स्वप्न को साकार करेंगे।

छिंदवाड़ा में चौरे परिवार का है दखल
छिंदवाड़ा के सौसर चौरे परिवार का बड़ा बोलबाला है। यह इलाका पूर्व सीएम कमलनाथ का गढ़ है। कमलनाथ शनिवार को छिंदवाड़ा पहुंचने वाले हैं। उससे पहले ही चौरे परिवार ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। चौरे सौसर से 1998 में कांग्रेस के विधायक रहे हैं। वहीं, 2018 के विधानसभा चुनाव में उनके भाई यहां से विधायक चुने गए हैं। इससे पहले विजय चौरे के पिता 1977 से 1985 तक सौसर से विधायक रहे हैं। विजय चौरे की मां भी कांग्रेस की नेत्री रही हैं।

राजगढ़ में भी बड़ा झटका
दिग्विजय सिंह के गढ़ राजगढ़ में भी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। 1998 में राजगढ़ से विधायक रहे प्रताप मंडलोई ने कांग्रेस से किनारा कर लिया है। एक समय में मंडलोई की गिनती दिग्विजय सिंह के वफादारों में होती थी। सौंधिया समुदाय के लोगों में वह अच्छी पकड़ रखते हैं। यह समुदाय राज्य की राजनीति में अच्छी हैसियत रखती है। 1993 में कांग्रेस ने इन्हें टिकट नहीं दिया था। उसके बाद प्रताप मंडलोई निर्दलीय चुनाव लड़े थे और सिंधिया समर्थक कुसुमकांत मित्तल को चुनाव हराया था। उसके बाद 1998 में दिग्विजय सिंह ने टिकट दिया था। पिछले विधानसभा चुनाव में भी मंडलोई मजबूत दावेदार थे लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला था। मंडलोई ने कहा कि बीजेपी ने मेरे क्षेत्र में विकास किया है। पार्टी जो जिम्मेदारी देगी उसे निष्ठा पूर्वक निभाऊंगा।

वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि बीजेपी अभी भी कांग्रेस नेताओं को बड़े पद और निकाय चुनावों से आगे की स्थिति के आधार पर लुभा रही है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि चौर परिवार को कांग्रेस ने छिंदवाड़ा में सब कुछ दिया है, जिसे वापस नहीं किया जा सकता है।

 

Leave a Reply