May 13, 2025

पाकिस्तान से दोस्ती कराने के ट्रंप के प्रस्ताव को भारत ने ठुकराया

0
donald-trump-will-may-involved-in-india-pakistan-peace-process-mplive.co.in

Updated: April 4, 2017

अमेरिका की ट्रंप सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए मंगलवार को कहा है कि भारत और पाकिस्तान को अपने रिश्तों में जारी कड़वाहट को दूर करना चाहिए और अगर इसके लिए ज़रूरी हुआ तो प्रेजिडेंट डोनाल्ड ट्रंप खुद शांति प्रक्रिया में भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं. हालांकि भारत ने इस बार भी अमेरिका के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है.

भारत ने ठुकराया प्रस्ताव

भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के प्रस्ताव को ठुकराते हुए साफ़ कर दिया- भारत सरकार पहले से ही कह चुकी है कि आतंकवाद और हिंसा के माहौल में बातचीत संभव नहीं है, ऐसे माहौल में द्विपक्षीय बातचीत नहीं हो सकती.

भारत ने आगे कहा कि हम इस बात के पक्ष में हैं कि इस क्षेत्र में आतंकवाद से लड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहायता और मैकेनिज्म की ज़रुरत है. हालांकि भारत के लिए अभी भी पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद ही सबसे बड़ा मुद्दा है.

ट्रंप बनना चाहते हैं मध्यस्थ

यूनाइटेड नेशंस में अमेरिका की स्थाई प्रतिनिधि निकी हेली ने मंगलवार को प्रेस से बातचीत में कहा कि ट्रंप भी भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित है और इसलिए वे खुद आगे बढ़कर शांति प्रक्रिया में मध्यस्थ की भूमिका निभाना चाहते हैं. हैली ने कहा, ‘भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित मौजूदा अमेरिकी प्रशासन इसे कम करने की दिशा में अपनी भूमिका पर विचार कर रहा है. यह भी संभव है कि राष्ट्रपति खुद इसमें भागीदार बनें और इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा.’

क्या है मुश्किल

बता दें कि भारत, पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत के लिए किसी भी तीसरे पक्ष का विरोध करता रहा है. गौरतलब है कि ट्रंप ने 2016 में अपने चुनाव प्रचार के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच विवादों को सुलझाने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि ऐसा तभी होगा जब दोनों देश यह चाहेंगे. ट्रंप ने एक इंटरव्यू के दौरान भी कहा था कि यदि वे (भारत-पाकिस्तान) चाहें तो मैं मध्यस्थ की भूमिका निभाना चाहूंगा.

बता दें कि हेली का यह बयान भारत-पाकिस्तान संबंधों को लेकर ट्रंप प्रशासन की ओर से पहली उच्च स्तरीय टिप्पणी है. इससे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी 2008 के राष्ट्रपति प्रचार अभियान के दौरान कहा था कि अमेरिका कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता कर सकता है.

हालांकि भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी और ओबामा ने राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी इस बात को सक्रियता के साथ आगे नहीं बढ़ाया था. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मई 2107 में वाशिंगटन में ट्रंप से मुलाकात होने वाली है. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है.

 

About The Author

Share on Social Media

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed