लोकसभा चुनाव के बाद यह कैसा खेल? अमीर हो गए 6 दल, बीजेपी ने जुटाए 4185 करोड़, कांग्रेस की हालत यहां भी कमजोर

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लोकसभा चुनाव 2024 के बाद बीजेपी समेत छह बड़े दलों के फंड में इजाफा हुआ. बीजेपी का फंड जहां चुनाव के बाद 4185 करोड़ रुपये बढ़कर 10,107 करोड़ हो गया. वहीं कांग्रेस की स्थिति कमजोर रही और वहां बैंक बैलेंस के मामले में 9वें स्थान से खिसक कर 12वें स्थान पर पहुंच गई.
आज के दौर में चुनाव लड़ना पैसों का खेल हो गया. तमाम राजनीतिक दल चुनाव से पहले चंदा जुटाने में लगे रहते हैं, फिर इन्हीं पैसों से वे चुनाव लड़ते हैं. हालांकि अब खबर है कि लोकसभा चुनाव 2024 के बाद भारत के छह बड़े राजनीतिक दलों के पैसे खर्चने की बजाय और पैसे जुटा लिए. ये पार्टियां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF)… मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन दलों के पास चुनाव अभियान की शुरुआत में मौजूद राशि और चुनावी प्रक्रिया के दौरान जुटाई गई धनराशि की तुलना में चुनाव समाप्त होने के बाद अधिक फंड था.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव (CHRI) के निदेशक वेंकटेश नायक के विश्लेषण का हवाला दिया गया है. इसके मुताबिक, 22 प्रमुख राजनीतिक दलों की कुल ‘क्लोजिंग बैलेंस’ (नकद और बैंक जमा राशि) उनके चुनावी ‘ओपनिंग बैलेंस’ से 31% अधिक रही. यह विश्लेषण चुनाव आयोग को प्रस्तुत किए गए चुनावी खर्च डिटेल पर आधारित है.
बीजेपी को सबसे अधिक लाभ, कांग्रेस की हालत खराब
चुनावों के दौरान इन 22 राजनीतिक दलों के पास चुनाव घोषणा के दिन कुल 11,326 रुपये करोड़ की शुरुआती धनराशि थी. चुनावी प्रक्रिया के दौरान 7,416 करोड़ रुपये जुटाए गए और 3,861.6 करोड़ रुपये खर्च किए गए. इसके बाद चुनाव समाप्त होने पर इन दलों के पास कुल 14,848 करोड़ रुपये की राशि बची.
रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी ने चुनाव से पहले सबसे अधिक 5,921.8 करोड़ रुपये की शुरुआती राशि घोषित की थी, जो चुनाव समाप्त होने के बाद बढ़कर 10,107.2 करोड़ रुपये हो गई. वहीं, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की आर्थिक स्थिति कमजोर होती गई. कांग्रेस चुनाव पूर्व 22 दलों में 9वें स्थान पर थी, लेकिन चुनावी प्रक्रिया के बाद 12वें स्थान पर खिसक गई.
चुनाव के बाद और अमीर हो गई बीजेपी
बीजेपी ने कुल 5,922 करोड़ रुपये की शुरुआती राशि के साथ चुनाव में उतरी. इस दौरान उसने चंदे आदि से 6,268 करोड़ जुटाए, मगर खर्च महज 1,738 करोड़ रुपये ही किए. इस तरह पार्टी ने 10,107 करोड़ रुपये के साथ सबसे अधिक धनराशि के साथ चुनाव समाप्त किया. इसका मतलब यह हुआ कि चुनावी प्रक्रिया के बाद बीजेपी की कुल संपत्ति में 4,185 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई.
वहीं दूसरे दलों की बात करें तो टीडीपी की संपत्ति 65.4 करोड़ रुपये, CPM की 8 करोड़ रुपये, LJP-RV की 9.9 करोड़ रुपये, SDF की 76 लाख रुपये और AIUDF की 3.6 लाख रुपये बढ़ गई.
पार्टियों ने चुनाव में कहां कितना किया खर्च…
- मीडिया विज्ञापन पर कुल ₹992.4 करोड़ खर्च किए गए.
- सोशल मीडिया और वर्चुअल कैंपेनिंग पर सात दलों ने ₹196.2 करोड़ खर्च किए.
- स्टार प्रचारकों की यात्रा पर ₹830 करोड़ खर्च हुए.
- प्रचार सामग्री पर ₹395.5 करोड़ और सार्वजनिक सभाओं के आयोजन पर ₹130 करोड़ खर्च किए गए.
चुनाव खर्च और प्रचार में हुई बड़ी रकम की खपत
रिपोर्ट में CHRI के अध्ययन के मुताबिक, इन 22 दलों ने कुल 1,595 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा, जिनमें से 480 उम्मीदवार 18वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए. यह लोकसभा की कुल सीटों का 88% से अधिक है.
बीजेपी ने अकेले 22 पार्टियों की ओर से जुटाई गई कुल राशि का 84.5% प्राप्त किया और 1,738 करोड़ रुपये खर्च किए, जो इन दलों के कुल चुनावी खर्च का 45% है.
उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी देने वाले विज्ञापनों पर ₹26.7 करोड़ खर्च हुए, जिसमें बीजेपी ने सबसे अधिक ₹9 करोड़, BSP ने ₹5.9 करोड़ और कांग्रेस ने ₹3.3 करोड़ खर्च किए.