MP Politics: विधानसभा चुनाव 2023 के लिए हारी हुई 100 सीटों पर बीजेपी ने बनाई खास रणनीति
Updated at : 04 Sep 2022
मध्य प्रदेश बीजेपी (MP BJP) ने 2018 के विधानसभा चुनाव (Assembly Election) से सबक लेते हुए हारी हुई 100 सीटों पर विशेष ध्यान देने का प्लान तैयार कर लिया है. पिछले चुनाव में बीजेपी बहुमत से कुछ सीटें दूर रह गई थी. बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के आने से बीजेपी को दोबारा सत्ता नसीब हुई. इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी पिछली गलती को दोहराना नहीं चाहती है. इसलिए हारी हुई 100 सीटों पर विशेष फोकस करने वाली है. आंकड़ों पर नजर डालने से पता चलता है कि पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को लगभग 107 सीटें मिली थी.
हारी हुई सीटों को कब्जे में करने के लिए बीजेपी ने बनाई रणनीति
बहुमत से दूर रहने के कारण कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब रही. अब बीजेपी ने हारी हुई विधानसभा सीटों पर विधायकों, लोकसभा और राज्यसभा सांसदों, वरिष्ठ पदाधिकारियों को सीधे जोड़ने का प्रयास किया है. विशेषकर ग्वालियर, चंबल, बुंदेलखंड और मालवा की कुल सीटों पर संगठन में मंथन और समीक्षा जारी है. ग्वालियर, चंबल, बुंदेलखंड और मालवा पर बीजेपी का पकड़ माना जाता था. बीते कुछ वर्षों से बीजेपी आदिवासी वोट बैंक को साधने के लिए भी लगातार प्रयास कर रही है.
चुनाव होने तक सांसद, विधायक और जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय
इसीलिए अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार नई रणनीति के तहत बीजेपी चुनावी मैदान में उतरेगी. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने प्रत्येक सीट पर चुनाव होने तक सांसद-विधायकों और जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी तय कर दी है. पार्टी ने सभी नेताओं को हारी हुई सीटों पर जीत दिलाने के लिए माइक्रो प्लानिंग बनाने की बात कही है. बीजेपी का गढ़ मानी जानेवाली सीटों पर नेताओं के दौरे होते रहेंगे. सांसदों, मंत्रियों और प्रदेश पदाधिकारियों को भी हारी हुई सीटों का दौरान करना होगा. इसके अलावा प्रदेश सरकार के मंत्री भी इन सीटों पर विशेष फोकस रखेंगे.