मध्य प्रदेश के इस शहर में लगे 100 फीसदी स्मार्ट मीटर

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खरगोन. मध्य प्रदेश शासन के द्वारा पिछले दो दशक में बिजली वितरण को बेहतर और सुव्यवस्थित व सुदृढ़ किया गया है. वर्ष 2002-03 की तुलना में आज ग्रामीण क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं को लगभग दोगुना बिजली मिल रही है. औसत 23 घंटे 36 मिनट प्रतिदिन बिजली की आपूर्ति हो रही है. इसी तरह तहसील मुख्यालय पर लगभग डेढ़ गुना बिजली सप्लाई में सुधार आया है. अब 18 घंटे से बढ़कर 23 घंटा 53 मिनट सप्लाई हो रही है. जबकि जिला मुख्यालय पर 24 घंटे बिजली आपूर्ति होने लगी है. जो पहले 20 से 22 घंटे ही सप्लाई होती थी. वहीं ग्रामीण कृषि क्षेत्र की बिजली में भी बेहतर सुधार आया है. पहले मुश्किल से 6 घंटे बिजली मिलती थी. लेकिन अब 9 घंटा 45 घंटे बिजली मिल रही है.

मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी खरगोन द्वारा विकास पर्व के तहत बीते दो दशक में अपनी उपलब्धियों की यह जानकारी दी गई है. प्रदेश की पश्चिम निमाड़ बिजली व कोल यूनिट्स के क्षमता से बिजली उत्पादन और स्थानीय लाइन लॉस घटाने के कारण बिजली के क्षेत्र में हालात बेहतर हुए.

 

इसके अलावा मध्य प्रदेश में सर्वप्रथम आईपीडीएस योजना में खरगोन शहर में 39 करोड़ 62 लाख की लागत से एटी एंड सी हानि कम करने के लिए 42421 स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं. इससे शहर की बिजली व्यवस्था बेहतर हुई है. ग्रामीण क्षेत्र के तीतरान्या के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में 18 किमी की 33 केवी लाइन डालकर 36 गांवों के 20 हजार लोगों को बिजली सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई गई है.

मिली जानकारी के मुताबिक जिले में पांच उप केंद्रों पर 13 करोड़ 20 लाख की लागत से नवीन पावर ट्रांसफार्मर 11 केवी व 33 केवी लाइन अपडेटेशन चल रहा है. भगवानपुरा के मोहनपुरा, खरगोन में गेरूबेडी, भीकनगांव के शिवना, बड़वाह में अंबा व कसरावद में कमोदवाड़ा उपकेंद्र में काम चल रहा है. अक्टूबर तक काम पूरा होने की संभावनाएं है. इससे 37 गांव के 17180 घरेलू वह 4382 कृषि उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा. शहर के गेरूबेड़ी में लगभग 35 प्रतिशत काम पूरा हो गया है.

बिजली कंपनी अफसरों के मुताबिक पिछले दो दशक में जिले के 39 नए गांव में बिजली पहुंचाई गई है. पहले 2002 -03 में 1142 गांव में बिजली थी. अब यह संख्या बढ़कर 1181 हो गई है. वन ग्रामों के राजस्व ग्राम में बदलने की प्रक्रिया से आने वाले सालों में ग्रामीण विद्युतीकरण में और तेजी आएगी.

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