MP के नए सीएम मोहन यादव ने तोड़ा दशकों पुराना मिथक, क्या नाराज होंगे महाकाल ?

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उज्जैन/इंदौर. मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 16 दिसंबर की रात उज्जैन में गुजारी. इस तरह उन्होंने दशकों पुराना मिथक तोड़ दिया है. दशकों पुराना मिथक था कि कोई भी राज गद्दी पर बैठा शख्स उज्जैन में रात नहीं बिता सकता. अगर वह रात बिताता है तो उसकी सत्ता हाथ से चली जाती है. सीएम यादव ने इसी मिथक को तोड़ते हुए गीता कॉलोनी स्थित अपने घर पर रात बिताई. इसे लेकर उन्होंने कहा कि मैं उज्जैन का बेटा हूं. बाबा महाकाल पिता हैं. मैं मुख्य सेवक के रूप में काम करूंगा. मैं बाबा महाकाल का सेवक हूं, न की मुख्यमंत्री. वे रात करीब साढ़े बारह बजे अपने घर पहुंचे. यहां उनका जोरदार स्वागत किया गया.

इस मौके पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि इस मिथक की शुरुआत कहां से हुई थी. उन्होंने कहा कि ये मिथक सिंधिया राजघराने की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा था. महाराज सिंधिया ने प्राचीन समय में राजनीतिक घटना को अंजाम दिया था. वे अपनी राजधानी उज्जैन से ग्वालियर ले जाना चाहते थे. इसलिए एक मंत्र फूंक गए. तब से यह मिथक चल रहा है कि कोई भी राजा उज्जैन में रात नहीं बिताएगा. सीएम यादव ने कहा कि राजा तो सिर्फ महाकाल हैं. हम सब उनके बेटे हैं. मिथक को तोड़ने के लिए बाबा महाकाल ने उज्जैन से सीएम दिया है. अब  ये मिथक टूट जाएगा कि उज्जैन में कोई मुख्यमंत्री रात को नहीं रुक सकता. बाबा तो जन्म देने वाले हैं. बाबा महाकाल की कोई सीमा उज्जैन नगर निगम तक नहीं है, पूरे ब्रह्मांड में है. अगर उन्होंने एक बार आंखें टेढ़ी कर ली तो उनसे कौन बच सकता है.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ
इसे लेकर उज्जैन की संस्कृत ज्योतिर्लिंग विज्ञान एवं वेद अध्ययनशाला के प्रोफेसर राजेश्वर शास्त्री ने बताया कि धारणाएं परंपरा के अनुसार बनती हैं. लेकिन, उनका कोई शास्त्रीय अस्तित्व नहीं है. सीएम मोहन यादव यहीं से प्रतिनिधित्व करते हैं. यहीं से वे मुख्यमंत्री बने. तो उन पर इस मान्यता का असर नहीं होगा. इसके उलट यह पौराणिक मान्यता है कि जो भी शख्स तीर्थ क्षेत्र में रात्रि में रुकता है. उसके कीर्तन क्षेत्र में वास करता है तो वह अनेक जन्मों तक राजा होता है.

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