MP Politics: गृहमंत्री पर FIR कराने थाने पर जुटी भीड़, कांग्रेसियों ने नरोत्तम मिश्रा पर लगाया ये गंभीर आरोप!

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Last Updated: Aug 07, 2023,

MP News: मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) के खिलाफ भिंड शहर (Bhind News) कोतवाली में रविवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपराधिक प्रकरण दर्ज करने का आवेदन दिया. FIR का आवेदन कांग्रेस प्रवक्ता डॉ अनिल भारद्वाज (Congress) ने गृहमंत्री की ओर से जबलपुर में दिए गए उस बयान के लिए दिया, जिसमें उन्होंने सभी कांग्रेसियों को इच्छाधारी हिंदू बताया. 4 अगस्त को नरोत्तम मिश्रा ने बयान दिया था कि ‘सभी कांग्रेसी इच्छाधारी हिंदू हैं.’ इस बयान को लेकर अब कांग्रेस का रिएक्शन सामने आया हैं.

भिंड जिला कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ अनिल भारद्वाज अन्य सहयोगियों के साथ रविवार दोपहर शहर कोतवाली पहुंचे. वे यहां गृह मंत्री के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाने वाले बयान को लेकर FIR दर्ज कराने के लिए आवेदन ले कर आये थे. जब काफी देर तक थाना प्रभारी आवेदन लेने नहीं आए तो कांग्रेसियों ने नारेबाजी करते हुए गृह मंत्री के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाये. इसके बाद थाना प्रभारी की अनुपस्थिति के चलते आवेदन उपनिरीक्षक को सौंपते हुए मामले में आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की बात कही.

क्यों आहत हुए कांग्रेसी?
कांग्रेस प्रवक्ता डॉ अनिल भारद्वाज ने कहा- ‘गृहमंत्री का जबलपुर में दिया बयान कांग्रेस के लाखों करोड़ों कार्यकर्ताओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने और ठेस पहुंचाने वाला था. इससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. वे हिंदू पैदा हुए हिंदू धर्म से जीवन यापन करते हैं. कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ता है. गृहमंत्री के बयान ने इन्हें ठेस पहुंचाई है. ऐसे में धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाना आपराधिक प्रकरण की श्रेणी में आता है. आवेदन के लिहाज से उनके खिलाफ पुलिस को FIR करनी चाहिए.’

क्या कहते हैं लीगल एक्सपर्ट?
इतना ही नहीं कांग्रेसियों ने धमकी दी कि अगर FIR दर्ज नहीं की गई तो वे जल्द एसपी कार्यालय का घेराव करेंगे. फिर भी मामला दर्ज नहीं किया गया तो वे कोर्ट का सहारा लेंगे. कांग्रेस के लीगल एक्सपर्ट एडवोकेट रामकिशोर शर्मा ने बताया कि सीधे तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत किया गया है, जो कि गृहमंत्री के खिलाफ धारा 295 की धारा-A और धारा 298 का उल्लंघन है. इसलिए इसमें आपराधिक प्रकरण दर्ज होना चाहिए. अगर मामला सिद्ध हुआ तो इस तरह के केस में दोषी को 3 साल तक की सजा का प्रावधान है.

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