Acharya Pramod Krishnam: कौन हैं आचार्य प्रमोद कृष्णम, जिन्हें कांग्रेस ने किया निष्कासित, MP से भी रहा है कनेक्शन!
Last Updated: Feb 11, 2024,
Congress Acharya Pramod Krishnam: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य आचार्य प्रमोद कृष्णम को कांग्रेस पार्टी से तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया गया है. आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस से 6 साल के लिए निष्कासित हुए है. कांग्रेस की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक पार्टी के खिलाफ बार-बार बयानबाजी और अनुशासनहीनता की शिकायतों के बाद ये कदम उठाया गया है.
हाल ही में की थी पीएम की तारीफ
गौरतलब है कि हाल ही में प्रमोद कृष्णम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. इसके बाद से ही अटकलें लगना शुरू हो गई थी. दरअसल कृष्णम पीएम मोदी को कल्कि धाम शिलान्यास समारोह के लिए आमंत्रित करने पहुंचे थे. इतना ही नहीं उन्होंने हाल ही के दिनों में पीएम मोदी की जमकर तारीफ की थी. इसके अलावा खुलकर कांग्रेस के फैसलों की आलोचना भी कर रहे थे. वहीं आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राम मंदिर को लेकर भाजपा का समर्थन भी किया था. पार्टी से इतर आचार्य प्रमोद कृष्णम हाल ही में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
जानिए कौन हैं आचार्य प्रमोद कृष्णम
आचार्य प्रमोद कृष्णम का जन्म 4 जनवरी 1965 को उत्तर प्रदेश के संभल के गांव एंचोड़ा कम्बोह में हुआ. वो पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के भी करीबी थे. इसके अलावा वो कल्कि पीठ संभल के पीठाधीश्वर भी हैं. वो मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस के सटार प्रचारक रहे हैं. ये ही नहीं उन्होंने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में लखनऊ से कांग्रेस के टिकट पर राजनाथ सिंह के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था.
एमपी से रहा प्रमोद कृष्णम का कनेक्शन
आचार्य प्रमोद कृष्णम की बात करें तो उनका भी MP से खास जुड़ाव रहा है. एमपी में वो कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार कर चुके हैं. मप्र उप चुनाव में उन्होंने ग्वालियर और चंबल में कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार भी किया था. यहां तक कि कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के भी उनके साथ अच्छे संबंध हैं. हाल ही में प्रमोद कृष्णम ने सांसद विवेक तन्खा को श्री कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह में आमंत्रित किया था. इसके अलावा कांग्रेस के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह से भी उनके अच्छे संबंध हैं. वो आचार्य प्रमोद कृष्णम को हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक मानते हैं.