MP: Pragya Singh Thakur के खिलाफ कांग्रेस ने दर्ज कराई FIR

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Updated at : 29 Dec 2022

MP News: अपने तीखे तेवरों से लगातार सुर्खियों में रहने वाली भोपाल सांसद प्रज्ञा  ठाकुर (Pragya Thakur) की एक बार फिर मुसीबतें बढ़ गई हैं. भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कर्नाटक में एफआईआर दर्ज हुई है. कर्नाटक के शिमोग्गा पुलिस थाने में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ भडक़ाऊ भाषण के मामले में शिकायत दर्ज हुई है.

कर्नाटक के शिमोग्गा में आयोजित हिन्दू जागरण वैदिक के दक्षिण क्षेत्र वार्षिक सम्मेलन में बीजेपी नेता और सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने विवादित बयान दिया था. उन्होंने हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्या पर बात करते हुए कहा था ‘हिंदुओं को उन पर और उनकी गरिमा पर हमला करने वालों को जवाब देने का अधिकार है. सांसद ने हिंदुओं समुदाय से अपने घरों में चाकू रखने की सलाह दी थी और कहा था सभी को अपनी रक्षा करने का अधिकार है’

कांग्रेस ने दर्ज कराई शिकायत

प्रज्ञा ठाकुर के विवादित बयान को लेकर अब जिले के कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एचएस सुंदरेश ने उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई है. पुलिस ने प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ आईपीसी की 153A (धर्म, जाति के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295A (जानबूझकर किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करना या उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए दुर्भावनापूर्ण कार्य करना) के तहत मामला दर्ज कर लिया है.

घरों में हथियार रखने की दी थी सलाह

बता दें भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हिन्दुओं को अपने घरों में हथियार रखने की सलाह दी थी. उन्होंने कहा था  ‘अगर और कुछ नहीं है तो कम से कम उन चाकूओं की धार तेज रखें जिनका इस्तेमाल सब्जियां काटने के लिए किया जाता है. मैं नहीं जानती कि कौन सी स्थिति कब पैदा होगी. हर किसी को आत्मरक्षा का अधिकार है. यदि कोई हमारे घर में घुसकर हम पर हमला करता हैए तो उचित जवाब देना हमारा अधिकार है. प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था  लव जिहाद में शामिल लोगों को उनकी भाषा में जवाब देना चाहिए अपनी लड़कियों की रक्षा करें. उन्हें सही मूल्य सिखाएं.’

मिशनरी सिस्टम पर उठाए थे सवाल

भोपाल सांसद प्रज्ञा सिहं ठाकुर ने मिशनरी सिस्टम पर भी सवाल उठाए थे. उन्होंने माता-पिता को अपने बच्चों को मिशनरी संस्थानों में नहीं पढ़ाने की सलाह दी थी, उन्होंने कहा था ‘ऐसा करके आप अपने लिए वृद्धाश्रमों के दरवाजा ही खोलेंगे. ऐसा करके मिशनरी संस्थानों में बच्चों को पढ़ाकर बच्चे आपके और आपकी संस्कृति के नहीं रहेंगे. बच्चे वृद्धाश्रमों की संस्कृति में पले-बढ़ेंगे और स्वार्थी बन जाएंगे. अपने घर में पूजा कीजिए अपने धर्म और शास्त्रों के बारे में पढ़ीए और अपने बच्चों को इनके बारे में बताइए ताकि बच्चे हमारी संस्कृति और मूल्यों को जान सकें.’

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