धोनी को चेन्नई सुपरकिंग्स में लाने वाले टीम इंडिया के पूर्व ओपनर ने की खुदकुशी, आर्थिक बदहाली से थे परेशान
Updated: August 16, 2019
क्रिकेट (Cricket) के खेल में मौजूदा दौर में पैसों की कोई कमी नहीं है, लेकिन शायद यह बात हर क्रिकेटर के बारे में नहीं कही जा सकती. शायद यही वजह है कि टीम इंडिया (Team India) के एक पूर्व क्रिकेटर से जुड़ी ऐसी ही एक सनसनीखेज खबर सामने आई है जो क्रिकेटरों की चकाचौंध भरी जिंदगी के पीछे के काले सच को उजागर करती है. यही वजह है कि आर्थिक तंगी से परेशान होकर टीम इंडिया के एक पूर्व ओपनर को जान देनी पड़ी.
रिपोर्ट के अनुसार, इंस्पेक्टर सेंथिल मुरुगन ने बताया कि चंद्रशेखर की पत्नी ने बयान दिया है कि उन्होंने चंद्रशेखर के कमरे का दरवाजा खटखटाया, लेकिन काफी देर तक कोई जवाब न मिलने के बाद उन्होंने खिड़की से अंदर झांककर देखा तो चंद्रशेखर का शव पंखे से लटका हुआ था. इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी. उनकी पत्नी सौम्या ने बताया कि चाय पीने के बाद शाम 5.45 बजे वे अपने कमरे में चले गए थे. क्रिकेट बिजनेस में नुकसान होने के चलते वे काई दिनों से तनाव में थे.
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) को आईपीएल (IPL) टीम चेन्नई सुपरकिंग्स (Chennai Superkings) में लाने का श्रेय भी वीबी चंद्रशेखर को ही जाता है. मौजूदा समय में चंद्रशेखर तमिलनाडु प्रीमियर लीग के ऑफिशियल ब्रॉडकास्टर में एक्सपर्ट की भूमिका निभा रहे थे. 2008 में लीग की शुरुआत के वक्त वह चेन्नई सुपरकिंग्स के पहले ऑपरेशंस डायरेक्टर थे और तब टीम के अधिकतर खिलाड़ियों को चेन्नई सुपरकिंग्स से जोड़ने में उनकी अहम भूमिका थी. उन्होंने तीन साल तक चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए काम किया.
81 मैचों में 4999 रन
वीबी चंद्रशेखर ने अपने करियर में 81 फर्स्ट क्लास मैच खेले और इनमें 43.09 की शानदार औसत से 4999 रन बनाए. इनमें दस शतक और 23 अर्धशतक भी शामिल हैं. उन्होंने 1988 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी. इसके दो साल बाद उन्होंने हैमिल्टन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना आखिरी वनडे मैच खेला. 57 साल के चंद्रशेखर ने गोवा के लिए केरल के खिलाफ नाबाद 237 रन की पारी खेली थी. उन्हें भारत के आक्रामक ओपनरों में गिना जाता है. वे 1987 में रणजी ट्रॉफी जीतने वाली तमिलनाडु टीम के सदस्य थे.
वीबी चंद्रशेखर उस समय बेहद आक्रामक क्रिकेट खेलने के लिए जाने जाते थे. यहां तक कि उन्होंने 1988-89 के रणजी सत्र में क्रिस श्रीकांत का रिकॉर्ड तोड़ते हुए महज 56 गेंदों पर शतक बनाकर सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड कायम किया था. हालांकि बाद में 2016 में ऋषभ पंत ने 48 गेंद पर शतक लगाकर इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया.
चयनकर्ता से कमेंटेटर तक
वीबी चंद्रशेखर टीम इंडिया के चयनकर्ता भी रह चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने बतौर कमेंटेटर भी क्रिकेट के क्षेत्र में अपना योगदान दिया है. पूर्व भारतीय क्रिकेटर और तमिलनाडु के कप्तान एस. बद्रीनाथ ने कहा कि मैं कुछ दिन पहले ही उनसे मिला था. वह पूरी तरह ठीक दिख रहे थे. मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा कि वो अब हमारे बीच नहीं हैं.