छिंदवाड़ा : आंचल कुंड धाम के दर्शन करेंगे गृहमंत्री शाह, 200 वर्ष से यहां जल रही अखंड धूनी

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Updated Fri, 24 Mar 2023

25 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छिंदवाड़ा दौरे पर रहेंगे। उनके दौरे को लेकर भाजपा कार्यकर्ता जहां उत्साहित हैं वहीं छिंदवाड़ा प्रशासन के द्वारा व्यापक पैमाने पर व्यवस्था भी बनाई जा रही है। दरअसल आदिवासी समाज की आस्था का का प्रमुख केंद्र बिंदु समझा जाने वाला आंचल कुंड धाम हर्रई विकासखंड के ग्राम बटकाखापा के पास स्थित है। दो मंजिला ऊंचे इस मंदिर में दादा जी का दरबार सजा हुआ है, जहां पर एक कुंड भी है। इस पावन दरबार में लगभग 200 सालों से अखंड धूनी जल रही है, जिसकी भभूति से लोगों की पीड़ा और सभी समस्याओं का अंत होता है। इस दिव्य स्थान में खंडवा के दादाजी धूनीवाले केशवानंद जी महाराज और हरिहर महाराज ने आकर अपने भक्त कंगाल दास बाबा को दर्शन दिए थे, वहीं अपने हाथों से यहां धूनी जलाकर कहा था कि अब इस धूनी की भभूति से सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण होगी। जो आज भी 200 सालों के बाद जल रही है। धूनीवाले दादाजी आज भी यहां लोगों के दुख-दर्द दूर करते हैं तथा हर व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण होती।

आंचल कुंड धाम की स्थापना
करीब 200 वर्ष पूर्व आंचलकुंड धाम की स्थापना कंगाल दास बाबा ने की थी। उनकी चौथी पीढ़ी के सेवादार गणेश बाबा ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके पिताजी के परदादा कंगाल दास जी बाबा थे, जो आदिवासी परिवार सिंगरामी इनवाती के परिवार में जन्मे थे। परिवार मजदूरी करने नरसिंहपुर जाया करता था, जहां साईं खेड़ा में दादाजी धूनीवाले का दरबार था यहां जाकर कंगाल दास बाबा रहने लगे और पूजा-पाठ करने लगे। इसके बाद उन्होंने दादाजी धूनीवाले को गुरु बनाया और उनकी पूजा-अर्चना आंचल कुंड में करने लगे। तभी कुछ लोगों ने इसका विरोध किया तो वह दोबारा साईं खेड़ा दरबार में जाकर दादाजी धूनीवाले के समक्ष जाकर रोने लगे और दादाजी को अपने साथ आंचल बुलाने की जिद करने लगे, जिसके बाद दादाजी ने कहा कि तुम चलो मैं भी वहीं आता हूं, जब वह करीब डेढ़ सौ किलोमीटर की दूरी तय कर 15 दिन में आंचलकुंड पहुंचे तो जाकर देखा कि दादाजी और हरिहर बाबा मड़िया में बैठे हुए थे। वहीं दादाजी धूनीवाले ने धूनी जलाते हुए कंगाली बाबा को वरदान दिया कि हम यहीं पर निवास करेंगे और इसी धूनी से सभी के संकट दूर होंगे, तुम्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं है तब से लेकर आज तक आंचल कुंड धाम में अखंड धूनी जल रही है।

नए वर्ष और मकर संक्रांति में लगता है मेला
आंचल कुंड धाम में एक जनवरी को मेला लगता है, जहां काफी संख्या में लोग इस धाम में पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं। 14 जनवरी मकर सक्रांति पर्व, 30 जनवरी शिष्य सम्मेलन महाशिवरात्रि पर्व नौतपा साधना कार्यक्रम होता है, जो 25 मई से नौवें दिन 2 जून तक चलता है। गुरु पूर्णिमा एवं रतनदास महाराज की बरसी, गंगा पंचमी आदि विशेष मौके पर दरबार में नि:शुल्क भंडारे का आयोजन होता है। जिसमें श्रद्धालुओं की संख्या सुबह से शाम तक 10000 से 20000 तक से अधिक पहुंच जाती है। 20 अगस्त 2000 को रतन दास जी महाराज के समाधि होने पर गंगा पूजन भोज में 50000 से भी अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्रित हुई थी।

जगतगुरु शंकराचार्य ने किया था मंदिर का उद्घाटन
मंदिर का निर्माण पूर्ण होने पर रतनदास जी महाराज की इच्छा थी कि मंदिर का उद्घाटन जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद महाराज के कर कमलों से हो, जिसका संयोग रतनदास जी महाराज के द्वारा समाधि स्थल होने पर बना और इस विशाल एवं भव्य मंदिर का उद्घाटन साप्ताहिक महायज्ञ के दौरान दिनांक 15 जनवरी 2001 को जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद महाराज के कर कमलों द्वारा ही संपन्न हुआ।

गृहमंत्री का दौरा कार्यक्रम
जिला भाजपा अध्यक्ष विवेक बंटी साहू के मुताबिक 25 मार्च को अमित शाह नागपुर से हेलीकाप्टर से रवाना होकर 2:10 आंचलकुंड पहुंचेंगे। वह 2:40 बजे तक पूजा अर्चना करेंगे। 3 बजे एसएएफ मैदान पहुंचेंगे। 3:10 बजे सभा स्थल पुलिस ग्राउंड पहुंचेंगे। 4:10 बजे यानी एक घंटा वे सभा करेंगे। 4:15 पर वह पुलिस ग्राउंड से रवाना होकर 4:25 बजे भाजपा कार्यालय पहुंचेंगे। यहां 5:15 बजे तक करीब 50 मिनट बैठक कर वे एसएएफ ग्राउंड से 5:25 बजे नागपुर के लिए रवाना होंगे।

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