भारत की मिट्टी में Corona पीड़ित का भी हुआ सफल इलाज

मुख्य समाचार, राष्ट्रीय
Updated: Mar 14, 2020,

नई दिल्ली: कोरोना वायरस पूरी दुनिया के लिए एक महामारी बन चुका है. लेकिन इस महामारी के खिलाफ भारत की एक सकारात्मक पहल सामने आई है जो पूरी दुनिया के लिए संजीवनी बूटी साबित हो सकती है. जयपुर में भारतीय डॉक्टरों ने इटली से आए कोरोना संक्रमित दंपति का एंटी रेट्रोवायरल दवाओं से सफल इलाज करते हुए भारत का लोहा मनवाया है. हालांकि अभी भी दवाओं के पूरे असर की जांच हो रही है.

कोरोना से लड़ाई में बड़ी कामयाबी!

अब तक कोरोनो वायरस की वैक्सीन तैयार करने में दुनिया भर के देश नाकाम रहे हैं, लेकिन हिन्दुस्तान की कोशिश और मोदी सरकार ने जो पहल की है वो रंग लाई. जल्द भारत की दिखाई राह पर चलकर कोरोना वायरस का इलाज ढूंढना आसान हो जाएगा.

दरअसल, कोरोना से पीड़ित मरीजों के इलाज के दौरान भारतीय डॉक्टरों को इस बात के संकेत मिले हैं कि HIV के इलाज में इस्तेमाल होने वाली कुछ दवाएं इस खतरनाक वायरस Covid-19 के मरीजों पर कारगर साबित हो रही हैं. ऐसे में भारत की इस पहल से कोरोना का तोड़ दिखाई दे रहा है.

ICMR के निदेशक डॉ. रमन आर. गंगाखेडकर ने कहा, “जयपुर में भर्ती इटली के पर्यटक को Anti-HIV दवा दी गई. चीन भी ये दवा टेस्ट कर रहा है, कितना काम करेगी ये वक्त बताएगा. देश में 52 लैब कोरोना वायरस की जांच कर रही हैं. जो लोग बिना जानकारी दिए बच कर भाग रहे हैं, वो अपने परिवार को भी खतरे में डाल रहे हैं. डरें नहीं, सरकार को बताएं.”

कोरोना के मरीजों को मिलेगा इलाज!

जानकारी के अनुसार इटली से भारत आये दंपति के इलाज में लोपिनाविर और रिटोनाविर कॉम्बिनेशन की दवाओं का इस्तेमाल किया गया. ये दंपति जयपुर में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गये थे और Indian Council Of Medical Research ने इस जानकारी को साझा किया है कि 14 दिनों के इलाज के बाद दंपति की सेहत में काफी सुधार देखने को मिला. आपको इससे जुड़ी कुछ जानकारियों से रूबरू करवाते हैं.

2 खास दवाओं का बढ़ाया जाएगा उत्पादन

आपको बता दें, HIV के इलाज में इन दोनों लोपिनाविर और रिटोनाविर दवाओं का इस्तेमाल होता है. ये दोनों लोपिनाविर और रिटोनाविर एंटी रेट्रोवायरल दवा है. ये दवाएं HIV को शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं में घुसने से रोकती है और सबसे खास बात ये है कि इन दोनों दवाओं ने कोरोना के मरीजों पर सकारात्मक असर दिखाया है. ऐसे में मोदी सरकार ने फार्मा कंपनियों से इनका प्रोडक्शन बढ़ाने को कहा है. हालांकि, दवाओं के पूरे प्रभाव को लेकर अभी जांच जारी है और इससे संबंधित रिपोर्ट अगले कुछ दिनों में आ जाएगी. भारत इन दोनों दवाओं का निर्यात अफ्रीकी देशों को भी करता है.

केंद्र ने दिये फार्मा कंपनियों को निर्देश 

सरकार की तरफ से कोरोना को लेकर लगातार बड़े कदम उठाये जा रहे हैं. बड़े से छोटे स्तर तक बैठकों का दौर भी जारी है. लोकसभा में खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने ये जानकारी दी, “आपको आश्वासन देना चाहता हूं कि जो भी वैज्ञानिक और मेडिकल प्रोटोकॉल के दृष्टि से आवश्यक है वो पूरा करके सारे देश की सभी राज्य सरकारों के साथ हम लोग लगातार बातचीत कर रहे हैं और लोगों को जागरुक कर रहे हैं.”

जानकार मानते हैं कि कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने में अभी भी साल से डेढ़ साल का समय लग सकता है और WHO भी इस बात की जांच कर रहा है कि एंटी HIV दवाओं का कोरोना संक्रमित मरीजों पर कितना असर होता है. लेकिन इस बात से ये इनकार नहीं किया जा सकता कि अगर कोरोना वायरस पर इन दवाओं के नतीजे वाकई उम्मीद के मुताबिक रहे. तो पूरे विश्व को महामारी कोरोना के खिलाफ ये भारत का ‘संजीवनी’ फॉर्मूला होगा.

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