कोच कुंबले के ‘रौबदार’ रवैये से खिलाड़ी नाखुश, BCCI समिति से की शिकायत

खेल, मुख्य समाचार

29 मई 2017,

टीम इंडिया के क्रिकेटर अपने कोच अनिल कुंबले के ‘रौबदार’ रवैये से खुश नहीं हैं. खिलाड़ियों ने कोच के अपमानजनक बर्ताव की शिकायत बीसीसीआई के प्रशासकों की समिति (सीओए) से की है. सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया है कि खिलाड़ी परेशान हैं. प्लेयर्स को ड्रेसिंग रूम में कोई स्वतंत्रता नहीं है. कोच और खिलाड़ियों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध नहीं रह गए हैं. कुंबले को अपने खिलाड़ियों पर भरोसा नहीं है.

चैंपियंस ट्रॉफी के शुरू होने में महज दो दिन बाकी

लंदन से चौंकाने वाली यह खबर ऐसे समय आ रही है, जब चैंपियंस ट्रॉफी के मुकाबले शुरू होने में महज दो दिन बाकी हैं. भारत को अपने पहले मुकाबले में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से 4 जून को भिड़ना है. भारत के सबसे सफल गेंदबाज तथा पूर्व टेस्ट कप्तान 46 वर्षीय कुंबले को पिछले वर्ष 23 जून 2016 को एक साल के लिए कोच नियुक्त किया गया था.

कुंबले के कोच रहते टीम ने लगातार 5 टेस्ट सीरीज जीती

अनिल कुंबले के कोच रहते टीम इंडिया ने लगातार 5 टेस्ट सीरीज जीती हैं और वह नंबर-1 टीम का रुतबा हासिल कर चुकी है. कुंबले के कोच रहते भारत ने घरेलू सत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 13 में से 10 टेस्ट जीते, दो ड्रॉ खेले और सिर्फ एक गंवाया. इसके अलावा वेस्टइंडीज में टेस्ट सीरीज भी जीती. कुंबले के नाम 619 टेस्ट और 337 वनडे विकेट दर्ज हैं.

टीम के मुख्य कोच के पद के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू

100 प्रतिशत रिकॉर्ड के बावजूद बीसीसीआई ने 25 मई को टीम के मुख्य कोच के पद के लिए आवेदन मंगवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसमें अनिल कुंबले को वर्तमान कोच होने की वजह से सीधी एंट्री मिली है. पद के लिए इच्छुक उम्मीदवारों के आवेदन के बाद सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की क्रिकेट सलाहकार समिति उनका इंटरव्यू लेगी.

आला अधिकारी बतौर कोच कुंबले के ‘प्रदर्शन’ से खुश नहीं

बीसीसीआई की इस घोषणा से स्पष्ट हो गया था कि आला अधिकारी बतौर कोच कुंबले के प्रदर्शन से खुश नहीं हैं. इसके पीछे कारण यह है कि खिलाड़ियों के केंद्रीय अनुबंध और अपने वेतन में इजाफे के लिए उन्होंने काफी आक्रामक रवैया अपनाया.

उधर, लोढ़ा कमेटी ने अपनी नाखुशी जाहिर की है. उसने कहा है कि बीसीसीआई को अनिल कुंबले के एक साल के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए उनका कार्यकाल आगे बढ़ाना चाहिए. चयन प्रक्रिया चलाने की बजाय उन्हें ऑटोमेटिक एक्सटेंशन दे देना चाहिए .

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