देश की महिलाएं अब समुद्र में भी लहराएंगी परचम, नौसेना के जंगी जहाजों पर हो सकती है तैनाती

मुख्य समाचार, राष्ट्रीय

Updated: 02 Nov 2018

नई दिल्ली: देश की महिलाएं अब समुद्र में भी परचम लहरा सकती हैं क्योंकि अब महिलाओं की तैनाती भारतीय नौसेना के जंगी जहाजों पर भी हो सकती है. इस बात को लेकर नौसेना के कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में सहमति बन गई है कि निकट-भविष्य में महिलाओं को युद्धपोतों पर तैनात किया जायेगा. साथ ही इस बात पर भी चर्चा की गई कि महिलाओं की नाविक के तौर पर भी भर्ती की जायेगी. अभी तक नौसेना में महिलाएं सिर्फ अधिकारी के पद पर ही भर्ती हो सकती हैं लेकिन वे भी जंगी जहाजों पर तैनात नहीं की जाती हैं.

राजधानी दिल्ली में चल रहे नेवल कमांर्डस कांफ्रेंस का आज आखिरी दिन था. सम्मेलन के समापन पर रक्षा मंत्री मुख्य अतिथि थीं. सैन्य सम्मलेन को संबोधित करने के दौरान जब रक्षा मंत्री ने पूछा कि महिला सशक्तिकरण के लिए नौसेना क्या कर रही है. इसपर नौसेना प्रमुख, एडमिरल सुनील लांबा ने बताया कि महिलाओं को नाविक (सेलर) के पद पर शामिल करना इस सम्मेलन के ‘मुख्य-एजेंडा’ में था. साथ ही उन्होनें बताया कि नौसेना इस बात पर भी विचार कर रही है कि महिला अधिकारियों को ‘निकट-भविष्य’ में युद्धपोत पर भी तैनात किया जाए.

गौरतलब है कि नौसेना में महिलाएं अभी आठ (08) नॉन-कॉम्बेट यानि गैर-लड़ाकू विंग में तैनात हैं. इनमें प्रमुख हैं एजुकेशन, लॉ, मेट (मौसम), मेडिकल और नेवल-कंस्ट्रकशन. साथ ही नौसेना के हवाई-विंग में भी वे ऑब्जर्बर के पद पर तैनात हैं. महिला अधिकारी डोरिनयर, आईएल-38 और पी8आई जैसे विमानों में भी तैनात हैं (लेकिन पायलट नहीं हैं). पी8आई विमान में महिला अधिकारी मिसाइल लांच की भी ऑब्जर्बर के तौर पर तैनात हैं. नौसेना में इस समय 639 महिला अधिकारी तैनात हैं जिनमें करीब 150 मेडिकल ऑफिसर्स हैं.

सूत्रों के मुताबिक, महिलाओं के लिए युद्धपोत पर तैनात करने के लिए वहां पर उस तरह की मूलभूत सुविधाएं भी तैयार करनी पड़ेगी. माना जा रहा है कि नौसेना के जो नए जंगी जहाजों का निर्माण किया जा रहा है उनमें महिलाओं के लिए अलग टॉयलेट-बाथरूम से लेकर बैरक भी बन रहे हैं. ताकि निकट-भविष्य में महिलाओं की तैनाती जंगी जहाजों पर की जा सके.

वायुसेना में महिलाओं को कॉम्बेट रोल यानि लड़ाकू पायलट बनने का रास्ता खुल चुका है. लेकिन एयरमैन (गैर-अधिकारी पद) के पद पर महिलाओं की तैनाती अभी तक नहीं होती है. थलसेना में भी महिलाओं को कॉम्बेट रोल नहीं मिला है लेकिन सिपाही के तौर पर उनकी भर्ती का रास्ता मिलिट्री पु्लिस में खोल दिया गया है. लेकिन अगर नौसेना युद्धपोत पर महिलाओं की तैनाती और नाविक के तौर पर भर्ती का रास्ता खोलता है तो वो तीनों सेनाओं में ऐसा करने वाली पहली फोर्स बन जायेगी.

 

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