Indore Temple Tragedy: लोगों को बचाते हुए रोजा खोलना भूले अब्दुल माजिद, हिंदू भाइयों ने कराया इफ्तार

प्रदेश, मध्य प्रदेश, मुख्य समाचार

Updated at : 31 Mar 2023

Indore Temple Collapse: इंदौर में हुए हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एकता की मिसाल देखने को मिली. रेस्क्यू में लगे हाजी अब्दुल माजिद फारूकी इतने व्यस्त हो गए कि रोजा खोलना भी भूल गए. उन्होंने कई लोगों की जान बचाई और इंसानियत की बड़ी मिसाल कायम की. मस्जिद फारूकी का रोजा भी हिंदू भाइयों ने खुलवाया और उन्हें धन्यवाद भी दिया.

दरअसल, इंदौर के बेलेश्वर महादेव पर बावड़ी की छत ढह जाने से 35 लोगों की जान चली गई. इसके अलावा अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इस घटना के बाद जैसे ही इलाके के लोगों को खबर मिली तो सभी ने पूरी शिद्दत के साथ लोगों को बचाने का कार्य किया. पुलिस और अन्य बचाव दल पहुंचने में थोड़ा वक्त लगा. इसके पहले स्थानीय लोगों ने कई लोगों को बावड़ी से बाहर निकाल लिया. इन्हीं लोगों में रोजेदार हाजी अब्दुल माजिद फारूकी भी शामिल थे.

खबर सुनते ही बचाने दौड़े
अब्दुल माजिद ने बताया कि जैसे ही उन्हें हादसे की खबर पता चली वैसे ही वे मंदिर पर पहुंच गए. चारों तरफ अफरा-तफरी मची हुई थी. लोग बदहवास होकर इधर-उधर भाग रहे थे. कोई रस्सी लेकर आ रहा था तो कोई सीढ़ी लगाकर नीचे फंसे लोगों को उपर निकालने की कोशिश कर रहा था. इन सबके बीच उनके द्वारा भी कई लोगों की जान बचाने में पूरा सहयोग किया गया. अब्दुल माजिद ने बताया कि वह सिविल डिफेंस वर्कर के रूप में काम करते हैं. उन्होंने इस हादसे की खबर उनकी टीम को भी दे दी, जिसके बाद कई लोग मौके पर पहुंच गए. अब्दुल माजिद के मुताबिक मौके पर स्थानीय लोग तुरंत मदद नहीं करते तो यह और भी बड़ा हो सकता था.

हिंदू भाइयों ने खुलवाया रोजा
अब्दुल माजिद फारुकी ने बताया कि सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक का समय कैसे बीत गया, पता भी नहीं चला. इस दौरान इलाके में रहने वाले उनके मित्र संजय आए और उन्होंने बताया कि इफ्तारी वक्त हो गया है. हिंदू भाइयों ने इफ्तारी करवाई. उन्होंने कहा कि धर्म से बड़ा मानवता का कर्तव्य होता है. आज के समय में इंसानियत और मोहब्बत के बल पर किसी भी मुश्किल को आसान किया जा सकता है. यही पैगाम उन्होंने रोजे के दौरान मंदिर में जाकर लोगों की जान बचा कर दिया है.

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