March 24, 2025

2019 के लिए बीजेपी के साथ सम्मानजनक समझौता हुआ, सिर्फ घोषणा बाकीः नीतीश कुमार

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Updated: 16 Sep 2018

नई दिल्लीः 2019 चुनावों के लिए बिहार में बीजेपी और जेडीयू के बीच सीट बंटवारे को लेकर चल रही कवायद का नतीजा क्या होगा इसको लेकर आज सीएम नीतीश कुमार ने साफ संकेत दिए हैं. सीएम नीतीश कुमार ने पटना में कहा कि बीजेपी के साथ चुनावों के लिए सीट बंटवारे पर सम्मानजनक समझौता हो गया है सिर्फ घोषणा बाकी है. हालांकि, नीतीश ने इस ओर इशारा नहीं किया कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिलने के आसार हैं. इसके अलावा नीतीश ने राज्य कार्यकारिणी की बैठक में प्रशांत किशोर के जेडीयू में शामिल होने पर खुशी ज़ाहिर की और कहा कि इनके साथ आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी.

बिहार में गठबंधन सरकार में शामिल उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी काफी समय से गठबंधन से अलग होने के संकेत देती आ रही है जिसके चलते भी सीट बंटवारे को लेकर जेडीयू और बीजेपी फंसी हुई नजर आ रही थीं लेकिन आज नीतीश कुमार के इस बयान से ऐसा लगता है कि बीजेपी और जेडीयू के बीच सीट बंटवारे को लेकर सही दिशा में बात आगे बढ़ रही है.

पिछले महीने खबरें आई थीं कि बीजेपी बिहार में 40 सीटों में से 20 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. उसके बनाए गए ड्राफ्ट के मुताबिक 12 सीटें जेडीयू को मिलनी चाहिए, रामविलास पासवान की पार्टी को छह सीटें और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को 2019 चुनावों के लिए 2 सीटें मिलनी चाहिए. हालांकि उस समय जेडीयू ने कहा था कि सीट बंटवारे का ये ड्राफ्ट सही नहीं है और न ही सम्मानजनक है.

एक जेडीयू नेता ने कहा था कि खुद बीजेपी भी जानती है कि ये समझौता मानने योग्य नहीं है और दोनों पार्टियों के बीच सीटों का समान बंटवारा होना चाहिेए. दोनो पार्टियों को 17-17 सीटें मिलनी चाहिए और रामविलास पासवान की पार्टी बची छह सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.

2014 के चुनावों में बीजेपी ने 22 सीटों पर जीत हासिल की थी और एनडीए के पास कुल 31 सीटें आई थीं. जेडीयू उस समय एनडीए के साथ नहीं थी और उसने सिर्फ दो सीटों पर कब्जा जमाया था.

इसके अलावा आज रणनीतिकार प्रशांत किशोर औपचारिक रूप से जेडीयू में शामिल हो गए और पटना में नीतीश कुमार की मौजूदगी में प्रशांत किशोर ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. इलेक्शन गुरू प्रशांत किशोर के जेडीयू के साथ आने से भी जेडीयू को 2019 चुनावों के लिए अच्छी मजबूती मिलने की उम्मीद है. आपको बता दें कि ये वही प्रशांत किशोर हैं जिन्होंने 2014 चुनावों के लिए बीजेपी की जीत की इबारत लिखी थी.

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