राहुल गांधी से दोस्ती को लेकर बोले ज्योतिरादित्य सिंधिया

मुख्य समाचार, राष्ट्रीय

MARCH 19, 2023

Jyotiraditya Scindia: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को बीजेपी (BJP) में शामिल हुए तीन साल का वक्त बीत चुका है। इससे पहले वह करीब 17 साल तक कांग्रेस (Congress) में रहे। खास बात यह है कि सिंधिया जब कांग्रेस में थे तब कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के साथ उनकी दोस्ती सबसे ज्यादा थी। दोनों के दोस्ती के किस्से सियासी गलियारों में भी खूब सुने जाते थे। लेकिन बीजेपी में शामिल होने के बाद सिंधिया की राह अलग हो गई। लेकिन राहुल गांधी से दोस्ती को लेकर सिंधिया ने बड़ा बयान दिया।

‘मेरी न किसी से दोस्ती न दुश्मनी’

ग्वालियर में जब ज्योतिरादित्य सिंधिया से राहुल गांधी से दोस्ती को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘मेरी ना किसी से दोस्ती है और ना ही किसी से दुश्मनी है। सिंधिया परिवार का इतिहास सभी ने देखा है, हमारा एक ही मकसद है वह जनसेवा विकास और प्रगति। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सभी जगह विकास और प्रगति हो प्रदेश तरक्की करें। यही हमारा उद्देश्य है।’

सिंधिया ने पहली बार राहुल गांधी से दोस्ती को लेकर बयान दिया है। यही वजह है कि सिंधिया का यह बयान सियासी गलियारों में चर्चा में बना हुआ है, क्योंकि राहुल गांधी से 16 साल की दोस्ती और 3 साल बीजेपी के सफर में बहुत कुछ बदला है।

राहुल गांधी देश से माफी मांगे: सिंधिया

हालांकि इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राहुल गांधी पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि ‘राहुल गांधी ने भारत माता और देश की संस्कृति की आन बान शान को विदेश में जाकर ठेस पहुंचाई। विदेश में जाकर विदेशी संसद और कार्यक्रमों में अगर देश के सम्मान को ठेस पहुंचाई है, राहुल गांधी को आगे आकर देश से जरूर माफी मांगना चाहिए।’

बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया और राहुल गांधी ने मिलकर मध्य प्रदेश में प्रचार किया था, जिससे 15 साल बाद सत्ता में कांग्रेस की वापसी हुई थी। लेकिन अब 2023 के विधानसभा चुनाव में दोनों दिग्गज नेता आमने-सामने होंगे।

राहुल गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच गहरी दोस्ती मानी जाती थी। सिंधिया ने जब कांग्रेस छोड़ी थी तब राहुल गांधी ने कहा था कि सिंधिया ऐसे शख्स थे, जिनके लिए मेरे घर के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं। उनके इस बयान से दोनों नेताओं की नजदकियां साफ होती थी। संसद में भी दोनों एक दूसरे बाजू में बैठते थे, जबकि कई बार दोनों एक जैसी जैकेट पहनकर संसद पहुंचते थे। लेकिन अब दोनों नेताओं की राहे अलग हैं।

 

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