एअर इंडिया में लूट का खेल, 750 करोड़ से ज्यादा की कीमती पेंटिग्स गायब
दरअसल यह पूरा मामला तब खुला जब एक पेंटिंग की ब्रिकी से पहले उसकी पुष्टि के लिए जाने माने पेंटर जतिन दास से संपर्क किया गया. जतिन दास ने यह पेंटिंग 1991 में एअर इंडिया के लिए बनाई थी. और कुछ सालों पहले तक यह इंटरनेशनल एयरपोर्ट के एयर इंडिया लाउंज में टंगी हुई थी.
इस पूरे मामले ने अब सारा ध्यान एअर इंडिया की अनमोल कलाकृतियों पर टिका दिया है. एअर इंडिया के पास जेआरडी टाटा के जमाने से ही इन कलाकृतियों के अधिकार हैं और वह इन्हें इकट्ठा कर रही थी.
इंडिया टुडे द्वारा इस बारे में संपर्क करने पर एअर इंडिया के सीएमडी अश्विनी लोहानी और उनकी टीम ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. लेकिन सूत्रों का कहना है कि ये पेंटिंग्स गायब हो गई हैं और इन्हें ब्लैक मार्केट में बेचा जा रहा है. आशंका इस बात की है कि जब एयरपोर्ट की टर्मिनस बिल्डिंग शिफ्ट हो रही थी तभी इन पेंटिंग्स को गायब कर दिया गया.
एक प्रेस रिलीज के माध्यम से बताया गया है कि एयर इंडिया मार्च 2016 से ही अपने कलेक्शन की ऑडिट कर रही है और सितंबर 2017 तक इसके पूरा होने की उम्मीद है.
उच्च सूत्रों का कहना है कि एअर इंडिया के पास एक समय 7000 पेंटिंग्स और कलाकृतियां थीं और एयरलाइन की ओर से की जा रही ऑडिट में मुंबई हेडक्वार्टर और अन्य ऑफिसों में अभी तक सिर्फ 3500 कलाकृतियों को पाया गया है.
हालांकि अभी तक एअर इंडिया के पास कोई सुराग नहीं है कि ये पेंटिंग्स कहां हैं. मामले में जांच जारी है.