सीएम शिवराज पर ‘गंभीर आरोप’ लगाकर कंप्यूटर बाबा ने राज्यमंत्री का पद छोड़ा
Updated: 1 अक्टूबर, 2018
भोपाल: मध्यप्रदेश में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त संत कंप्यूटर बाबा ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने के साथ-साथ कंप्यूटर बाबा ने शिवराज सरकार पर धर्म का अनदेखा करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वह समाज और संतों के हित में जो काम करना चाहते थे, नहीं कर पाए. कंप्यूटर बाबा ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं गौरक्षा, नर्मदा संरक्षण, मठ-मंदिरों के हितों में काम करना चाहता था, मगर ऐसा करने में असफल रहा. संत समाज का मुझ पर लगातार दबाव रहा, इसी चलते मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं.’
उन्होंने शिवराज सरकार को हिन्दू विरोधी बताया. कंप्यूटर बाबा ने कहा कि मुझे ऐसा लगा कि शिवराज धर्म के ठीक विपरीत हैं और धर्म का काम कुछ करना ही नहीं चाहते हैं. इसलिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं. कंप्यूटर बाबा ने आगे कहा कि वह अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेज रहे हैं.
पत्रकारों से से बातचीत में कंप्यूटर बाबा ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने धर्म और संत समाज की उपेक्षा की है. उन्होंने सरकार द्वारा गो मंत्रालय बनाए जाने की घोषणा पर भी सवाल उठाए हैं. साथ ही सरकार से अलग नर्मदा मंत्रालय बनाने की मांग की है.
दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री के पद से इस्तीफे के ऐलान के बाद उन्होंने कहा, ‘मैंने गायों की स्थिति और नर्मदा नदी में हो रहे अवैध खनन पर चर्चा की थी, लेकिन मुझे कुछ भी करने की इजाजत नहीं थी. मैं संतों के विचार को सरकार के सामने नहीं रख सका, इसलिए मैं ऐसी सरकार का हिस्सा बने रहना नहीं चाहता.’ बता दें कि कंप्यूटर बाबा उन पांच संतों में से एक हैं, जिन्हें शिवराज सरकार ने इसी साल राज्यमंत्री का दर्जा दिया था.