नियमित भावातीत ध्यान से ही शांति जीवंत होगी : ब्रह्मचारी गिरीश जी

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Updated: 21 सितम्बर, 2022 11:35 PM

भोपाल : आज पूरी दुनिया में विश्व शांति दिवस मनाया जा रहा है ।इस अवसर पर पूरे देश के महर्षि संस्थानों एवं महर्षि विद्या मंदिर विद्यालयों में विश्व शांति दिवस समारोह का आयोजन किया गया । मुख्य समारोह भोपाल के महर्षि विद्या मंदिर (रतनपुर) के  मंगलम भवन में आयोजित किया गया ।

इस समारोह को संबोधित करते हुए महर्षि संस्थान के प्रमुख एवं महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ब्रह्मचारी गिरीश जी ने कहा कि “आज 21 सितंबर को विश्व शांति दिवस संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निर्धारित है । वह साल में एक दिन इस दिवस को मनाते हैं जबकि महर्षि संस्थानों एवं विद्यालयों में यह प्रतिदिन मनाया जाता है । प्रतिदिन सुबह और शाम भावातीत ध्यान के अभ्यास से चेतना को जीवंत कर इसे मनाया जाता है । महर्षि विद्यालयों में नियमित चेतना आधारित शिक्षा दी जा रही है । भावातीत ध्यान में प्रतिदिन गोता लगाने से शांति फैलती है।पूरे विश्व में वनस्पति की शांति, आकाश की शांति, जल की शांति जरूरी है ।यह एक आध्यात्मिक एवं आदि भौतिकी का क्षेत्र है । स्वयं महर्षि महेश योगी जी ने लिखा है कि हमारे यहां आत्मा का विषय और फैकल्टी होगी । इसका निहितार्थ यह है कि शांति का संपूर्ण मार्ग आत्मा से जुड़ा हुआ है । यदि मन की शांति नहीं होगी तो आत्मा की शांति नहीं आ सकती ।”

ब्रह्मचारी गिरीश जी ने आगे कहा कि “हमारी शिक्षा पद्धति केवल आजीविका के साधन जुटाने में मदद करती है । जो लोग युद्ध की विभीषिका को फैलाते हैं उसने रोक लगाए जाने की आवश्यकता है । यही कारण है कि निरंतर शांति के लिए 1331 वैदिक पंडित निरंतर भारत के भौगोलिक केंद्र बिंदु में महा रुद्राभिषेक कर रहे हैं । इसलिए शांति पूरे विश्व की आवश्यकता है और हमें जीवंत करने के लिए सुबह-शाम नियमित भावातीत ध्यान का निरंतर अभ्यास करना होगा । शांति के लिए सतोगुणी बनना होगा । हम जितना अधिक शांति का मार्ग प्रशस्त करेंगे पूरी दुनिया में भारत की  पताका भी उतनी अधिक फहराएगी।  अर्थात विश्व भारत के नेतृत्व को स्वीकार करेगा । इसके लिए नकारात्मकता को मिटाकर सकारात्मकता को अपनाना होगा । यही हमारे सफलता की कुंजी है। ”

इस अवसर पर भोपाल के अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय के  कुलपति खेमचंद डेहरिया ने कहा कि “जो शांति मैं यहां आकर महसूस कर रहा हूं वह कहीं अन्यत्र प्राप्त नहीं होती । मुझे यह देखकर प्रसन्नता हुई कि महर्षि महेश योगी जी की परिकल्पना कैसे साकार हो रही है ।पूरे विश्व में भारत की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है । हमारी परंपराओं और आधुनिकता का समन्वय होना चाहिए । पूरे वैश्विक परिदृश्य में रामचरितमानस के अनुवाद की प्रासंगिकता है । आज पूरे विश्व के 158 देशों में हिंदी का प्रचार-प्रसार हो रहा है । जल्द ही विश्वविद्यालय मे  चिकित्सा एवं अभियांत्रिकी का हिंदी भाषा में पाठ्यक्रम प्रारंभ होने जा रहा है । महर्षि जी ने वेद, योग ,ध्यान के लिए पूरे विश्व में उल्लेखनीय कार्य किया है । जिससे विश्व शांति आंदोलन निरंतर आगे बढ़ा रहा है ।”

इस अवसर पर महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर भुवनेश शर्मा ने कहा कि ‘शांति की आवश्यकता पूरी दुनिया को चिरकाल से है । हमारी सनातन संस्कृति पूरे विश्व को अपना परिवार मानती है । इसलिए भारत की भूमि शांति की उर्वरा भूमि है । हमें विकासशील शांति चाहिए अर्थात जिसमे अपराध ना हो । पश्चिमी देशों की प्रौद्योगिकी विनाशकारी है जबकि महर्षि महेश योगी जी की भावातीत प्रौद्योगिकी शांति उन्मुख है एवं सकारात्मक प्रवृत्तियों की स्थापना करती है । इसलिए इसे अपनाए जाने की आवश्यकता है ।”
महर्षि इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट भोपाल के निदेशक गवांडे ने अपने विचार रखते हुए कहा कि “शांति पूरी दुनिया की आवश्यकता है । जोकि ज्ञान के विविध क्षेत्रों में बहुत आवश्यक है । इसके लिए महर्षि विश्व शांति आंदोलन के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र भी  निरंतर कार्य कर रहा है । पूरी दुनिया में शांति की स्थापना के लिए संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में पूरी दुनिया एकजुट है।”

इस अवसर पर एक छात्रा देवांशी पाठक ने अपने विचार रखते हुए कहा कि “शांति के लिए संयुक्त राष्ट्र एवं विश्वशांति आंदोलन निरंतर कार्य कर रहे हैं इसलिए हमें विश्व शांति के संदेश को पूरी दुनिया में फैलाने का कार्य करना चाहिए ।

महर्षि विद्या मंदिर रतनपुर के छात्र करन दास ने कहा कि “महर्षि जी ने कहा था कि जीवन उत्सव के लिए है । इसीलिए हम निरंतर शांति की बात करते हैं । हिंसा एवं विध्वंस की गतिविधियों को रोकने के लिए महर्षि विश्व शांति आंदोलन की स्थापना की गई है जो कि स्थाई विश्व शांति के लिए निरंतर कार्य कर रही है । और भावातीत ध्यान एवं सिद्धि के माध्यम से यह फैलाने का कार्य चल रहा है ।”

इस अवसर पर महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय समूह के निदेशक संचार एवं जनसंपर्क व्ही आर खरे के साथ साथ  महर्षि विश्व शांति आंदोलन की राष्ट्रीय संचार सचिव श्रीमती आर्यानंद कुमार, महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय रतनपुर के प्राचार्य बी एस गुलेरिया भी मंच पर उपस्थित थे । कार्यक्रम का शुभारंभ महर्षि संस्थान की परंपरा अनुसार गुरु पूजन से प्रारंभ हुआ । इसके बाद वैदिक पंडितों ने शांति पाठ किया एवं बालिकाओं के एक समूह ने अतिथि गण “स्वागत है आपका” के बोल पर सामूहिक गायन प्रस्तुत किया। इसके पश्चात विश्व शांति के ऊपर एक गीत की प्रस्तुति दी गई जिसके बोल थे “आनंद उत्सव आया” । समान रूप से पूरे देश के महर्षि संस्थानों एवं महर्षि विद्या मंदिर विद्यालयों विशेषकर जबलपुर, शहडोल, भंडारा, तुमसर सहित कई जगहों से विश्व शांति दिवस समारोह मनाए जाने के समाचार निरंतर प्राप्त हो रहे हैं ।

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